- 07/11/2024
बड़ी खबर: बीएड डिग्रीधारियों की भी नहीं जाएगी नौकरी और डीएलएड वालों को भी मिल जाएगी नियुक्ति? हाईकोर्ट ने सरकार को सुझाया बीच का रास्ता
छत्तीसगढ़ में बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त नहीं को लेकर दायर की गई अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट से बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस एन के व्यास ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह बीच का ऐसा रास्ता निकाले जिससे कि बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नौकरी भी न जाए और डीएलएड वालों को भी नियुक्ति मिल जाए। मामले में अगली सुनवाई अब 28 नवंबर को होगी।
आपको बता दें सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षक के पद पर 2900 बीएड डिग्री धारियों को नियुक्त दी थी। इसे लेकर पहले हाईकोर्ट ने फिर सुप्रीम कोर्ट ने सहायक शिक्षक के पद पर बीएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति को अवैधानिक बताते हुए भर्ती निरस्त किए जाने का आदेश दिया था। लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने इस पर कोई आदेश जारी नहीं किया है।
हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने पर डीएलएड अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। जिसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने के लिए योग्य नहीं हैं। कोर्ट ने उनकी नियुक्ति निरस्त कर डीएलएड अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश के बावजूद उसका पालन नहीं किया जा रहा है जो कि न्यायालय के आदेश की अवमानना है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि किसी की नौकरी छीनने से समस्या का समाधान नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि बीएड डिग्रीधारियों को प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक की बजाय मिडिल स्कूल में शिक्षक वर्ग दो के पदों पर समायोजित करने का सुझाव दिया है। कोर्ट ने कहा कि वे प्राइमरी में नहीं लेकिन मिडिल स्कूल में पढ़ाने की योग्यता रखते हैं। इन्हें पढ़ाने का एक वर्ष का अनुभव भी प्राप्त हो चुका है।