• 08/08/2025

ऑनलाइन प्यार में फंसे 80 साल के बुजुर्ग, गंवा दिए 9 करोड़, 734 बार ट्रांसफर किए पैसे.. लगा भयानक सदमा, अस्पताल में भर्ती

ऑनलाइन प्यार में फंसे 80 साल के बुजुर्ग, गंवा दिए 9 करोड़, 734 बार ट्रांसफर किए पैसे.. लगा भयानक सदमा, अस्पताल में भर्ती

मुंबई में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग साइबर ठगों के जाल में फंसकर अपनी जिंदगी भर की कमाई, करीब 9 करोड़ रुपये, गंवा बैठे। यह ठगी अप्रैल 2023 से जनवरी 2025 तक चली, जिसमें बुजुर्ग ने 734 ऑनलाइन लेनदेन के जरिए 8.7 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इस संगठित साइबर ठगी में चार महिलाओं के नाम सामने आए हैं, लेकिन पुलिस को शक है कि यह सभी पहचानें एक ही व्यक्ति या गिरोह की हो सकती हैं। मामले की शिकायत के बाद मुंबई पुलिस ने 6 अगस्त 2025 को एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है

घटना की शुरुआत अप्रैल 2023 में हुई, जब बुजुर्ग ने फेसबुक पर ‘शार्वी’ नाम की एक महिला को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। शार्वी ने पहले रिक्वेस्ट ठुकरा दी, लेकिन कुछ दिनों बाद खुद रिक्वेस्ट भेजकर बातचीत शुरू की। बातचीत धीरे-धीरे व्हाट्सऐप पर शिफ्ट हो गई, जहां शार्वी ने खुद को तलाकशुदा और दो बच्चों की मां बताया, जो आर्थिक तंगी में है। उसने बच्चों की बीमारी और घरेलू समस्याओं का हवाला देकर बुजुर्ग से बार-बार पैसे मांगे, और बुजुर्ग ने हर बार मदद के लिए पैसे ट्रांसफर किए।

कुछ समय बाद ‘कविता’ नाम की एक महिला ने व्हाट्सऐप पर संपर्क किया। उसने अश्लील संदेश भेजने के बाद अपने बच्चे के इलाज के लिए पैसे की मांग की। इसके बाद ‘दीनाज’ नाम की एक अन्य महिला ने खुद को शार्वी की बहन बताकर संपर्क किया और दावा किया कि शार्वी की मृत्यु हो चुकी है। उसने अस्पताल के बिल और अन्य खर्चों के लिए पैसे मांगे। जब बुजुर्ग ने पैसे वापस मांगे, तो दीनाज ने आत्महत्या की धमकी दी। फिर ‘जैस्मिन’ नाम की एक चौथी महिला सामने आई, जिसने खुद को दीनाज की दोस्त बताकर और पैसे ऐंठे।

इस तरह अप्रैल 2023 से जनवरी 2025 तक बुजुर्ग ने 734 बार में 8.7 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। अपनी सारी बचत खत्म होने के बाद उन्होंने अपनी बहू से 2 लाख रुपये उधार लिए और बेटे से 5 लाख रुपये मांगे। बेटे को शक हुआ और पूछताछ में पूरी ठगी का खुलासा हुआ। सच्चाई जानने के बाद बुजुर्ग को गहरा सदमा लगा, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। डॉक्टरों ने उन्हें डिमेंशिया (याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता में कमी) का शिकार बताया, जिसने उन्हें इस ठगी का आसान शिकार बना दिया

22 जुलाई 2025 को बुजुर्ग ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज की, जिसके बाद 6 अगस्त 2025 को कंट्रोल रूम पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई। मुंबई पुलिस की साइबर सेल अब इस मामले की गहन जांच कर रही है। पुलिस को संदेह है कि शार्वी, कविता, दीनाज और जैस्मिन के नाम से संपर्क करने वाली सभी पहचानें एक ही व्यक्ति या संगठित गिरोह की हो सकती हैं।

पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह के साइबर फ्रॉड से सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत शिकायत 1930 हेल्पलाइन पर करें। जांच में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “यह मामला साइबर अपराधियों द्वारा बुजुर्गों को निशाना बनाने की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है। जनता को जागरूकता और सावधानी बरतने की जरूरत है।”