- 16/10/2023
निठारी कांड में सुरेन्द्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की फांसी रद्द, हाईकोर्ट ने किया बरी, मामला याद करके कांप जाएगी रुह
दिल को दहला देने वाले नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोषी करार दिए गए सुरेन्द्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की फांसी की सजा रद्द कर दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने दोषियों को तमाम मामलो में बरी कर दिया है। सुरेन्द्र कोली को 12 मामलों में और मनिंदर सिंह पंढेर को 2 मामलों में फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने रद्द किया है।
सुरेन्द्र कोली ने 12 मामलों में मिली फांसी की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। वहीं मनिंदर सिंह पंढेर ने 2 मामलों में मिली सजा के खिलाफ होईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने दोनों दोषियों की 14 अर्जियों पर अपना फैसला सुनाया है।
इस आधार पर बरी
हाईकोर्ट ने मामले में सीधे तौर पर कोई सबूत और गवाह नहीं होने के आधार पर दोनों दोषियों को बरी किया है। दोनों दोषियों ने कोर्ट में दलील दी थी कि इस घटना का काई चश्मदीद गवाह नहीं है। सिर्फ वैज्ञानिक व परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के अधार पर उन्हें दोषी ठहराया गया और फांसी की सजा दी गई थी।
क्या है निठारी कांड?
7 मई साल 2006 में निठारी की एक युवती को मनिंदर सिंह पंढेर ने नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया था। इसके बाद युवती का पता नहीं चला। युवती के पिता ने नोएडा के सेक्टर 20 थाना में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे स्थित नाले में पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे। मामले में पुलिस ने मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेन्द्र कोली को गिरफ्तार किया था। बाद में सभी मामले सीबीआई को ट्रांसफर कर दिए गए थे।
सुरेन्द्र कोली पेशे से कुक था साल 2003 में वह पंढेर के संपर्क में आया और उसकी कोठी में काम करने लगा। पंढेर की फैमिली साल 2004 में पंजाब चली गई। जिसके बाद कोली कोठी पर ही रहने लगा। पंढेर की कोठी में अक्सर कॉल गर्ल आया करती थीं। इस दौरान वह गेट पर नजर रखता था।
दुष्कर्म के बाद हत्या.. अंगों की तस्करी
आरोप था कि कोठी के पास से गुजरने वाले बच्चों को पकड़कर वह उनके साथ दुष्कर्म करता और फिर उनकी हत्या कर देता। निठारी के लोगों का आरोप था कि पंढेर की कोठी से मानव अंगों की तस्करी होती थी। वो बच्चों को मारकर उनके अंग निकालकर विदेश में बेचा करता था।