• 17/04/2025

‘हमने दंगा-फसाद होने में पूरी कोशिश की…’, फिसल गई दिग्विजय सिंह की जुबान, BJP ने बनाया सियासी हथियार

‘हमने दंगा-फसाद होने में पूरी कोशिश की…’, फिसल गई दिग्विजय सिंह की जुबान, BJP ने बनाया सियासी हथियार

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह का एक बयान सियासी तूफान खड़ा कर गया है। भोपाल में एक जनसभा के दौरान सामाजिक सौहार्द पर बोलते हुए उनकी जुबान फिसल गई और उन्होंने कहा, “हिंदू-मुसलमान जोड़कर हमने दंगा-फसाद होने में पूरी कोशिश की।” यह बयान वायरल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे हथियार बनाकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। दिग्विजय ने सफाई दी कि यह शब्दों की चूक थी, लेकिन बीजेपी ने इसे कांग्रेस की “सांप्रदायिक सोच” का सबूत बताकर सियासी रंग दे दिया।

क्या था विवादित बयान?

भोपाल में सामाजिक एकता पर आयोजित एक कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह हिंदू-मुस्लिम एकता की बात कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने गलती से कह दिया, “हिंदू-मुसलमान जोड़कर हमने दंगा-फसाद होने में पूरी कोशिश की।” बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। दिग्विजय ने तुरंत सफाई दी कि उनका इरादा यह कहने का था कि कुछ ताकतें हिंदू-मुस्लिम एकता तोड़कर दंगे भड़काने की कोशिश करती हैं, लेकिन गलत शब्दों के चयन से अर्थ बदल गया।

बीजेपी ने लपका मुद्दा

बीजेपी ने इस बयान को कांग्रेस की “विभाजनकारी नीति” का सबूत बताते हुए दिग्विजय सिंह और कांग्रेस को घेर लिया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तंज कसते हुए कहा, “दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस की सच्चाई उजागर कर दी। यह पार्टी हमेशा दंगे और फसाद की सियासत करती रही है।” बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इसे “शर्मनाक” करार देते हुए कहा, “दिग्विजय सिंह का बयान कांग्रेस की मानसिकता दर्शाता है। वे समाज को बांटकर सत्ता हासिल करना चाहते हैं।” बीजेपी ने दिग्विजय के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग भी उठाई है।

कांग्रेस का बचाव

विवाद बढ़ता देख दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर सफाई दी। उन्होंने लिखा, “मेरा मकसद हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करना था। गलत शब्दों के चयन से बयान का गलत अर्थ निकाला गया। मैं इसके लिए खेद प्रकट करता हूं।” मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, “बीजेपी एक छोटी सी चूक को तूल देकर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है। दिग्विजय सिंह का इरादा साफ था, लेकिन बीजेपी इसे तोड़-मरोड़ रही है।”

सोशल मीडिया पर हंगामा

बयान के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी जंग छिड़ गई। बीजेपी समर्थकों ने इसे कांग्रेस की “तुष्टिकरण नीति” का हिस्सा बताया, जबकि कांग्रेस समर्थकों ने इसे “मानवीय भूल” करार दिया। कई यूजर्स ने दिग्विजय के पुराने विवादित बयानों, जैसे ओसामा बिन लादेन को “ओसामा जी” कहने और “हिंदू आतंकवाद” शब्द के इस्तेमाल का जिक्र करते हुए उनकी मंशा पर सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, “दिग्विजय सिंह बार-बार क्यों फिसलते हैं? यह चूक है या सियासी चाल?”

पहले भी विवादों में

दिग्विजय सिंह अपने बयानों के लिए अक्सर निशाने पर रहे हैं। 2011 में ओसामा बिन लादेन को “ओसामा जी” कहने और हिंदू आतंकवाद जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर बीजेपी ने उन पर आतंकवादियों के प्रति नरम रुख का आरोप लगाया था। इस नए बयान ने एक बार फिर उन्हें विवादों के केंद्र में ला दिया है।

सियासी नफा-नुकसान

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह बयान मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है, “बीजेपी इस बयान को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए इस्तेमाल कर सकती है, खासकर उपचुनावों और 2028 के विधानसभा चुनावों में।”