• 31/08/2025

दिल का इलाज करने वाले युवा डॉक्टर की अस्पताल में थम गई धड़कनें, हार्ट अटैक से मशहूर कार्डियक सर्जन की मौत, जानें ह्रदयाघात से क्यों हो रही मौतें और कैसे बचें

दिल का इलाज करने वाले युवा डॉक्टर की अस्पताल में थम गई धड़कनें, हार्ट अटैक से मशहूर कार्डियक सर्जन की मौत, जानें ह्रदयाघात से क्यों हो रही मौतें और कैसे बचें

चेन्नई के सेवाथा मेडिकल हॉस्पिटल में बुधवार को एक दुखद घटना में 39 वर्षीय कार्डियक सर्जन डॉ. ग्रैडलिन रॉय की अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। सुबह के नियमित वार्ड राउंड के दौरान डॉ. रॉय अचानक गिर पड़े। उनके सहयोगियों ने तत्काल बचाव के प्रयास किए, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। डॉ. रॉय अपने पीछे पत्नी और एक छोटे बेटे को छोड़ गए हैं।

हैदराबाद के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने बताया कि डॉ. रॉय के सहयोगियों ने सीपीआर, तत्काल एंजियोप्लास्टी, स्टेंटिंग, इंट्रा-एऑर्टिक बैलून पंप और ईसीएमओ जैसी प्रक्रियाओं के जरिए उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की। लेकिन 100% लेफ्ट मेन आर्टरी ब्लॉकेज के कारण हुए बड़े कार्डियक अरेस्ट से हुए नुकसान को रोकना असंभव रहा।

डॉ. कुमार ने एक्स पर इस घटना को साझा करते हुए चेतावनी दी कि हाल के वर्षों में 30 से 40 वर्ष की उम्र के डॉक्टरों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “विडंबना यह है कि जो लोग दूसरों के दिलों को बचाने के लिए अपनी जिंदगी समर्पित करते हैं, वे अक्सर अपनी सेहत की अनदेखी कर बैठते हैं।”

डॉक्टरों में हार्ट अटैक के बढ़ते खतरे के कारण

डॉ. सुधीर कुमार ने डॉक्टरों में हृदय रोगों के बढ़ते मामलों के कई कारण गिनाए:

  •  तनाव और अव्यवस्थित जीवनशैली : रोगियों और परिजनों का दबाव, मेडिको-लीगल चिंताएं, और लगातार तनाव।
  •  लंबे और अनियमित कार्य घंटे : नींद की कमी और बायोलॉजिकल क्लॉक (सर्केडियन रिद्म) का बिगड़ना।
  •  शारीरिक निष्क्रियता : लंबे समय तक ऑपरेशन थियेटर में खड़े रहना या ओपीडी में बैठना, जिससे व्यायाम के लिए समय नहीं मिलता।
  •  अस्वास्थ्यकर खानपान : अस्पताल की कैंटीन पर निर्भरता, कैफीन का अधिक सेवन, और समय पर भोजन न मिलना।
  •  स्वास्थ्य जांच में लापरवाही : डॉक्टर अक्सर अपनी हेल्थ चेकअप को टालते हैं और शुरुआती चेतावनी संकेतों को नजरअंदाज करते हैं।
  •  मानसिक स्वास्थ्य : अवसाद, थकान और भावनात्मक तनाव, जो हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।

डॉक्टरों के लिए सलाह

डॉ. कुमार ने जोर देकर कहा कि डॉक्टरों को अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए। नियमित स्वास्थ्य जांच, संतुलित जीवनशैली, और तनाव प्रबंधन अपनाकर हृदय रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है। उन्होंने चिकित्सा समुदाय से अपील की कि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हों और समय पर कदम उठाएं।

यह दुखद घटना चिकित्सा पेशे में बढ़ते तनाव और स्वास्थ्य चुनौतियों की ओर ध्यान खींचती है, जिसके लिए तत्काल जागरूकता और कदम उठाने की जरूरत है।