• 18/09/2025

ED Raid: छत्तीसगढ़ के कस्टम मिलिंग घोटाले में ED की भिलाई में बड़ी कार्रवाई, राइस मिलर सुधाकर रावटे के घर छापेमारी

ED Raid: छत्तीसगढ़ के कस्टम मिलिंग घोटाले में ED की भिलाई में बड़ी कार्रवाई, राइस मिलर सुधाकर रावटे के घर छापेमारी

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 140 करोड़ रुपये के कस्टम मिलिंग घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को भिलाई के हुडको और तालपुरी इलाकों में छापेमारी की। राइस मिलर्स सुधाकर रावटे के घर पर ईडी की टीम दस्तावेजों और लेन-देन से जुड़े कागजों की छानबीन कर रही है। रावटे को इस घोटाले में सहयोगी माना जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, सुबह करीब 6 बजे ईडी की चार सदस्यीय टीम रावटे के आवास पर पहुंची, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। माना जा रहा है कि इस कार्रवाई से घोटाले में और बड़े नाम उजागर हो सकते हैं।

ईडी की छह सदस्यीय टीम दो गाड़ियों में सवार होकर हुडको स्थित सुधाकर रावटे के घर पहुंची और पूछताछ शुरू कर दी। टीम दस्तावेजों को खंगाल रही है, जिसमें वित्तीय लेन-देन और घोटाले से जुड़े प्रमाण शामिल बताए जा रहे हैं। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ के खाद्यान्न वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार की जांच का हिस्सा है, जो प्रति क्विंटल अवैध वसूली पर आधारित है।

टुटेजा और ढेबर की गिरफ्तारी के बाद बढ़ी सख्ती

इससे पहले आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने इस घोटाले में मुख्य आरोपी रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और रायपुर के होटल कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। दोनों से पूछताछ में मिले इनपुट्स के आधार पर ही ईडी ने भिलाई में यह छापेमारी की है। हाल ही में ईओडब्ल्यू ने अनवर ढेबर के सहयोगी दीपेन चावड़ा को भी गिरफ्तार किया, जिसमें 20 करोड़ रुपये की अवैध वसूली के साक्ष्य मिले थे। ईडी ने कस्टम मिलिंग स्कैम में मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी सहित 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। आरोप है कि 140 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध वसूली की गई, जिसमें अफसरों से लेकर मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल हैं।

जानिए क्या है कस्टम मिलिंग घोटाला?

कस्टम मिलिंग घोटाला छत्तीसगढ़ में चावल मिलिंग और सरकारी सब्सिडी के दुरुपयोग से जुड़ा एक बड़ा वित्तीय अनियमितता का मामला है। अलग-अलग राइस मिलर्स नागरिक आपूर्ति निगम और एफसीआई में कस्टम मिलिंग का चावल जमा कराते थे। इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई। जांच में पता चला कि एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर लेवी वसूलते और अफसरों को जानकारी देते थे। रुपए नहीं मिलने पर भुगतान रोक दिया जाता था। ईडी ने 2023 में इस घोटाले में 175 करोड़ रुपये की रिश्वत का आरोप लगाया था, जिसमें स्थानीय राजनेता और नौकरशाहों का नेटवर्क शामिल था।

फोर्टिफाइड राइस के भुगतान पर भी वसूली का आरोप है। राइस मिलर्स ने फोर्टिफाइड राइस का भुगतान करने पर पैसे मांगने का दावा किया था। केंद्र सरकार ने पीडीएस के जरिए गरीबों को दिए जाने वाले अनाज की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए फोर्टिफाइड राइस की मात्रा बढ़ाने का आदेश दिया था। सरकार के आदेश के मुताबिक, एफसीआई और नागरिक आपूर्ति निगम में जमा होने वाले चावल में फोर्टिफाइड राइस होना चाहिए। 99 किलो सामान्य चावल का पैमाना तय किया गया था। आरोप है कि इसमें कमीशनखोरी और घूसखोरी का खेल चला। खरीफ वर्ष 2021-22 तक चावल मिलिंग के लिए प्रति क्विंटल 40 रुपये का विशेष प्रोत्साहन दिया जाता था, जिसे बाद में 120 रुपये तक बढ़ा दिया गया, और इसी में करोड़ों की किकबैक कमाई गई।

अक्टूबर 2023 को ईडी की टीम ने मारा था छापा

20 अक्टूबर 2023 को ईडी ने छापेमारी की थी। ईडी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा था कि 20-21 अक्टूबर को मार्कफेड के पूर्व एमडी, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स संगठन के कोषाध्यक्ष और कुछ सदस्यों, राइस मिलर्स तथा कस्टम मिलिंग से जुड़े लोगों के घरों पर जांच की गई। चावल घोटाले से जुड़ी इस जांच में कई संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 1.06 करोड़ रुपये का कैश मिला था। ईडी ने इनकम टैक्स की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की। इस जांच के बाद ईडी की स्थानीय टीम ने प्रतिवेदन दिया और उसके बाद एफआईआर हुई। बाद में ईडी ने मनोज सोनी और रोशन चंद्राकर को गिरफ्तार किया, और जून 2024 में उनके खिलाफ पीएमएलए के तहत अभियोजन शिकायत दाखिल की गई।

ईडी के प्रवक्ता ने अभी तक इस ताजा छापे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कार्रवाई राइस मिल एसोसिएशन और अन्य कारोबारियों से जुड़ी है। इस मामले की जांच जारी है, और अगले कुछ घंटों में और खुलासे होने की संभावना है। घोटाले में धारा 409 और 120बी के तहत अपराध दर्ज हैं, और जांच एजेंसियां लगातार नए नामों पर नजर रख रही हैं।