• 21/07/2025

चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर आया ED का बयान; शराब घोटाले में किया बड़ा खुलासा

चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर आया ED का बयान; शराब घोटाले में किया बड़ा खुलासा

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी PMLA एक्ट के तहत की गई है। चैतन्य बघेल 22 जुलाई तक 5 दिन की ED की रिमांड पर हैं। जहां जांच एजेंसी उनसे पूछताछ कर रही है। अब मामले में ईडी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूर्व सीएम के बेटे की गिरफ्तारी पर खुलासा किया है।

ED के मुताबिक यह जांच छत्तीसगढ़ के ACB/EOW, रायपुर द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू की, जिसमें IPC, 1860 की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस जांच में सामने आया कि 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में हुए इस शराब घोटाले से राज्य के खजाने को 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ और एक शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों ने इतनी ही राशि की अपराध आय (Proceeds of Crime) अर्जित की।

घोटाले में क्या है चैतन्य बघेल की भूमिका?

ED की जांच में खुलासा हुआ कि चैतन्य बघेल ने 16.70 करोड़ रुपये की अपराध आय प्राप्त की थी। उन्होंने अपनी रियल एस्टेट फर्मों के जरिए इस राशि को मिलाने (लॉन्ड्रिंग) का काम किया। जांच में पाया गया कि चैतन्य ने इस अपराध आय को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में इस्तेमाल किया। इसके लिए उन्होंने ठेकेदारों को नकद भुगतान, बैंक प्रविष्टियों के जरिए नकद लेनदेन जैसे तरीकों का सहारा लिया। इसके अलावा, चैतन्य ने त्रिलोक सिंह ढिल्लन के साथ मिलकर एक योजना बनाई, जिसके तहत ढिल्लन की कंपनियों के कर्मचारियों के नाम पर 5 करोड़ रुपये की फ्लैट खरीद दिखाकर अपराध आय को छिपाया गया। बैंकिंग रिकॉर्ड से पता चला कि इस दौरान त्रिलोक सिंह ढिल्लन को शराब सिंडिकेट से उनके बैंक खातों में भुगतान प्राप्त हुआ।

1,000 करोड़ से अधिक की अपराध आय का लेनदेन

ED की जांच में यह भी सामने आया कि चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से उत्पन्न 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध आय का लेनदेन किया। उन्होंने अनवर ढेबर और अन्य लोगों के साथ मिलकर इस राशि को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस समिति के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को हस्तांतरित करने में समन्वय किया। जांच में यह भी पाया गया कि इस घोटाले की राशि को बघेल परिवार के प्रमुख सहयोगियों को आगे निवेश के लिए सौंपा गया। इस राशि के अंतिम उपयोग की जांच अभी जारी है।

कई गिरफ्तार; 205 करोड़ की संपत्ति जब्त

इस मामले में ED ने पहले भी कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां की हैं, जिनमें पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, अनवर ढेबर, भारतीय दूरसंचार सेवा (ITS) के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा शामिल हैं। ED ने अब तक इस जांच में 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।