• 08/09/2025

ED की टीम पहुंची कांग्रेस के राजीव भवन, शराब घोटाले केस में…

ED की टीम पहुंची कांग्रेस के राजीव भवन, शराब घोटाले केस में…

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। सोमवार को ED के अधिकारी रायपुर स्थित कांग्रेस प्रदेश कार्यालय राजीव भवन पहुंचे और कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री संगठन मलकीत सिंह गैदु को केस से संबंधित चालान की कॉपी सौंपी। अधिकारियों ने करीब 10 मिनट तक राजीव भवन में मुलाकात की और फिर लौट गए।

ED की कार्रवाई और कांग्रेस का जवाब

मलकीत सिंह गैदु ने बताया कि सुकमा कांग्रेस भवन का मामला दिल्ली ट्रिब्यूनल में चल रहा है। ट्रिब्यूनल ने 2 सितंबर को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन कांग्रेस लीगल टीम ने कहा कि उनके पास केस से संबंधित दस्तावेज नहीं थे। इसके बाद ED ने चालान की कॉपी उपलब्ध कराई। गैदु ने कहा, “हम इसका जवाब देंगे और कानूनी तरीके से मामले का सामना करेंगे।”

सुकमा कांग्रेस भवन पर ED की कार्रवाई

ED ने पहली बार किसी राजनीतिक दल के कार्यालय को अटैच करते हुए सुकमा में कांग्रेस भवन को सीज किया है। एजेंसी का दावा है कि 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में भ्रष्टाचार का पैसा पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को मिला, जिसमें से 68 लाख रुपये का उपयोग सुकमा में कांग्रेस भवन के निर्माण में किया गया। इसके अलावा, लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा की 5.50 करोड़ रुपये की संपत्ति भी अटैच की गई है। कुल मिलाकर 6 करोड़ 15 लाख 75 हजार रुपये की संपत्ति सीज की गई है।

ED का आरोप: लखमा को मिला 72 करोड़ का कमीशन

ED ने दावा किया है कि कवासी लखमा शराब घोटाले के सिंडिकेट के अहम सदस्य थे और उनके निर्देश पर नीतियों में बदलाव कर अवैध लाभ पहुंचाया गया। जांच के अनुसार, लखमा को 36 महीनों में हर महीने 2 करोड़ रुपये मिलते थे, जिसके तहत कुल 72 करोड़ रुपये की अवैध कमाई हुई। इस पैसे का उपयोग हरीश लखमा के घर और सुकमा कांग्रेस भवन के निर्माण में किया गया। ED का कहना है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही अनियमितताओं की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे रोकने के बजाय शराब नीति में बदलाव कर FL-10 लाइसेंस की शुरुआत की, जिससे सिंडिकेट को फायदा हुआ।

लखमा जेल में, कांग्रेस ने लगाया साजिश का आरोप

कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा को ED ने 15 जनवरी 2025 को गिरफ्तार किया था। दोनों वर्तमान में रायपुर सेंट्रल जेल में न्यायिक रिमांड पर हैं। इससे पहले 28 दिसंबर 2024 को ED ने लखमा और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।

घोटाले का विवरण

ED के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच भूपेश बघेल की सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ। इस दौरान कवासी लखमा आबकारी मंत्री थे। जांच में 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा और अन्य शामिल हैं। ED का दावा है कि शराब सिंडिकेट ने अवैध कमीशनखोरी और समानांतर शराब बिक्री के जरिए सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया।