- 11/09/2025
सोनिया गांधी को बड़ी राहत, नहीं दर्ज होगी FIR, नागरिकता मिलने से पहले मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने का था आरोप

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका विकास त्रिपाठी नामक व्यक्ति ने दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल किया गया, जबकि वे 1983 में भारत की नागरिक बनी थीं। याचिकाकर्ता ने इसे जाली दस्तावेजों के आधार पर मतदाता सूची में नाम दर्ज करने का मामला बताते हुए एफआईआर की मांग की थी।
याचिका में क्या थे आरोप?
विकास त्रिपाठी ने अपनी याचिका में दावा किया कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल किया गया था, जबकि उनकी भारतीय नागरिकता अप्रैल 1983 में स्वीकार की गई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि 1980 में मतदाता सूची में नाम शामिल होने का मतलब है कि इसके लिए जाली दस्तावेज जमा किए गए थे, जो एक संज्ञेय अपराध है।
वकील ने यह भी बताया कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में जोड़ा गया, 1982 में हटाया गया और फिर 1983 में दोबारा दर्ज किया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सोनिया गांधी ने 1983 में नागरिकता के लिए आवेदन किया था, तब 1980 में उनका नाम मतदाता सूची में कैसे शामिल हो गया। याचिकाकर्ता ने इस आधार पर कोर्ट से पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने की मांग की थी।
कोर्ट ने खारिज की याचिका
राउज एवेन्यू कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के दावों को पर्याप्त सबूतों के अभाव में स्वीकार नहीं किया। हालांकि, कोर्ट के फैसले का विस्तृत विवरण अभी सामने नहीं आया है। इस मामले में सोनिया गांधी या कांग्रेस की ओर से कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है।