- 18/07/2025
सेंट्रल जेल में गैंगवार: कांग्रेस नेता पर जानलेवा हमला, पूर्व CM के करीबी से जुड़ा है मामला

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सेंट्रल जेल में गुरुवार शाम एक सनसनीखेज गैंगवार की घटना ने हड़कंप मचा दिया। इस दौरान युवा कांग्रेस नेता और रायपुर उत्तर विधानसभा के युवा कांग्रेस अध्यक्ष आशीष शिंदे पर जेल के अंदर बदमाशों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले में आशीष गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामला तेलीबांधा थाना क्षेत्र का है।
पुलिस के अनुसार, आशीष शिंदे को 9 दिन पहले चर्चित तांत्रिक केके श्रीवास्तव को फरारी में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांच में सामने आया कि आशीष ने श्रीवास्तव को अपनी गाड़ी में छिपाकर शहर भर में घुमाया और पुलिस की नजर से बचाने की साजिश रची।
आशीष शिंदे पर हमला: क्या है मामला?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को रायपुर सेंट्रल जेल में विचाराधीन कैदियों के बीच हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान एक अन्य कैदी साई ने आशीष शिंदे और एक अन्य बंदी पर ब्लेड और कटर से हमला किया। इस हमले में आशीष की हालत गंभीर बताई जा रही है। जेल प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए घायलों को अस्पताल पहुंचाया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
आशीष शिंदे की गिरफ्तारी तांत्रिक केके श्रीवास्तव के मामले से जुड़ी है, जिसे पुलिस ने 20 जून 2025 को भोपाल से गिरफ्तार किया था। श्रीवास्तव पर करोड़ों रुपये की ठगी का आरोप है, और वह खुद को राजनीतिक रसूख वाला तांत्रिक बताता था। आशीष पर श्रीवास्तव को फरार होने में मदद करने का आरोप है, जिसके सबूत CCTV फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल्स से मिले हैं।
कौन है आशीष शिंदे?
आशीष शिंदे रायपुर उत्तर विधानसभा के युवा कांग्रेस अध्यक्ष और एक सक्रिय कांग्रेस नेता हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले केके श्रीवास्तव के सहयोगी के रूप में चर्चा में आए। पुलिस ने आशीष को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। जांच में पता चला कि आशीष ने श्रीवास्तव को अपनी गाड़ी में छिपाकर कई दिनों तक शहर में घुमाया और पुलिस से बचाने की कोशिश की।
केके श्रीवास्तव और ठगी का मामला
केके श्रीवास्तव, जो कथित तौर पर तांत्रिक गतिविधियों में शामिल था, ने कांग्रेस शासनकाल के दौरान छत्तीसगढ़ में खासा रसूख बनाया था। उसका मुख्यमंत्री आवास में बेरोकटोक आना-जाना था। श्रीवास्तव पर दिल्ली के कारोबारी अशोक रावत से स्मार्ट सिटी और एनआरडीए में 500 करोड़ रुपये का ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है। जब ठेका नहीं मिला, तो रावत ने पैसे वापस मांगे। श्रीवास्तव ने 17 सितंबर 2023 तक पैसे लौटाने का वादा किया, लेकिन केवल 3.40 करोड़ रुपये अपने बेटे कंचन के खातों से लौटाए और तीन-तीन करोड़ रुपये के तीन चेक दिए, जो बाद में बाउंस हो गए।
पुलिस ने श्रीवास्तव को भोपाल में छापेमारी कर गिरफ्तार किया, जहां वह हुलिया बदलकर छिपा हुआ था। जांच में श्रीवास्तव के खातों में 300 करोड़ रुपये का लेन-देन सामने आया, जिसमें कई खाते EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) मकानों में रहने वालों के नाम पर थे। इसकी जांच आयकर विभाग को सौंप दी गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी श्रीवास्तव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
पुलिस की जांच और राजनीतिक कनेक्शन
पुलिस को शक है कि केके श्रीवास्तव का नेटवर्क राजनीति और कारोबार से जुड़े कई बड़े नामों तक फैला हुआ है। साइबर क्राइम सेल श्रीवास्तव के मोबाइल, बैंक खातों और सोशल नेटवर्किंग चैट्स की डिजिटल फोरेंसिक जांच कर रही है। श्रीवास्तव की गिरफ्तारी के समय कई बड़े नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें और वीडियो सामने आए थे, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी।