• 23/09/2022

गहलोत बनेंगे कांग्रेस अध्यक्ष और पायलट के सिर CM का ताज! छत्तीसगढ़ में सिंहदेव…

गहलोत बनेंगे कांग्रेस अध्यक्ष और पायलट के सिर CM का ताज! छत्तीसगढ़ में सिंहदेव…

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विनोद दुबे, रायपुर।अंदरुनी कलह से जूझ रही कांग्रेस पंजाब, मध्य प्रदेश में सत्ता खो चुकी है। हेमंता बिस्वा सरमा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैप्टन अमरिंदर सिंह, जितिन प्रसाद, सुनील जाखड़ जैसे कई धाकड़ नेता पार्टी ने खो दिए साथ ही इसके कई राज्यों में सत्ता। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही पार्टी में नए सियासी समीकरण बनने लगे हैं। यात्रा शुरु होने से पहले गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। गुलाम नबी आजाद ने न सिर्फ पार्टी छोड़ी बल्कि सोनिया गांधी को 4 पेज का पत्र लिखकर वे खुलकर सामने आ गए। यहां तक कि उन्होंने खुद की नई पार्टी बनाने की घोषणा भी कर दी।

जिसके बाद कांग्रेस में अब अंदरूनी तौर पर पार्टी को संगठित करने की कवायद शुरु हो गई है। नए अध्यक्ष के चुनाव और जी 23 गुट द्वारा गैर गांधी नेतृत्व की मांग के साथ ही राहुल गांधी ने भी चुनाव नहीं लड़ने के संकेत दे दिए हैं। अध्यक्ष पद के चुनाव की रेस में अशोक गहलोत के अलावा शशि थरुर, दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, जी 23 गुट के मनीष तिवारी के साथ ही मल्लिकार्जुन खड़गे के नामों की भी चर्चा है।  शशि थरुर सोनिया गांधी के अलावा पार्टी चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री से भी मुलाकात कर अपनी इच्छा जता चुके हैं।

अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों के साथ ही राजस्थान में सचिन पायलट और छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री टीएस सिंहदेव खुश हैं। अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने से सचिन पायलट को अपनी ताजपोशी की उम्मीदें हैं लेकिन टीएस सिंहदेव क्यों खुश हैं? उनकी खुशियों का राज क्या है ?

सूत्रों के मुताबिक गांधी परिवार का आशीर्वाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मिल चुका है और उन्हें अध्यक्ष बनाए जाने के लिए अंदरुनी तौर पर सर्वसम्मति बनाए जाने की खबर आ रही है। हालांकि अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो गई है। गांधी परिवार के समर्थन के साथ ही गहलोत का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।

अगले साल राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित छत्तीसगढ़ में भी चुनाव होने हैं। राजस्थान में गहलोत और पायलट खेमे के बीच लगातार कलह जारी है। जिसकी खबरें भी मीडिया में आते रही है। ऐसे में सूबे में दुबारा सरकार बनाना पार्टी के लिए दूर की कौड़ी नजर आती है। राहुल गांधी  कांग्रेस की कमान अशोक गहलोत को सौंपने के साथ ही गैर गांधी अध्यक्ष बनाकर असंतुष्टों (जी 23 गुट) के साथ ही राजस्थान में चल रही खींचतान खत्म कर एक तीर से कई निशाना साधने जा रहे हैं।

सियासी दृष्टिकोण से गहलोत काफी अनुभवी हैं और गांधी परिवार के करीब भी हैं। लिहाजा कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद के नियम के मुताबिक गहलोत को बड़े दायित्व मिलने के साथ ही मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ेगा। ऐसे में सचिन पायलट की ताजपोशी का रास्ता साफ हो जाएगा। ऐसा करने से राजस्थान में चल रही रस्साकशी भी समाप्त हो जाएगी।

हालांकि अशोक गहलोत खेमे के द्वारा नए मुख्यमंत्री के तौर पर सीपी जोशी का नाम आगे बढ़ाया जा रहा है। लेकिन सचिन पायलट की राहुल गांधी से नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। लिहाजा सचिन पायलट आश्वस्त नजर आ रहे हैं।

गौरतलब है कि राहुल गांधी के ढाई-ढाई साल के सीएम बनाए जाने के फार्मूले की बातें भी आते रही है। राहुल गांधी के इस फार्मुले की वजह से ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी लगातार सियासी खींचतान के मामले सामने आते रहे हैं। राजस्थान में सचिन पायलट की नाराजगी के साथ ही छत्तीसगढ़ में गाहे बगाहे सिंहदेव की नाराजगी भी देखने को मिलते रही है। जिसकी वजह से सूबे का सियासी तापमान लगातार बढ़ा रहा। सिंहदेव लगातार दिल्ली की दौड़ लगाते रहे हैं। उधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी दिल्ली में विधायकों की परेड कराकर आलाकमान को साफ संदेश दे दिया है कि छत्तीसगढ़ में विधायकों का समर्थन सिंहदेव के नहीं बल्कि उनके साथ है।

हालांकि बदलते राजनीतिक समीकरण में एक बार फिर सिंहदेव की निगाहें एक बार फिर दिल्ली पर टिक गई है। सिंहदेव भी इस उम्मीद में हैं कि राहुल गांधी राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ में भी चल रहे सियासी खींचतान का मसला जल्दी सुलझाएंगे और उनकी भी ताजपोशी हो जाएगी।

राहुल गांधी कड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन देश में पार्टी के भीतर बदलते हालात और बड़े-बड़े दिग्गजों के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस लगातार कमजोर होते जा रही है। ऐसे में देखना यह होगा कि क्या राहुल गांधी छत्तीसगढ़ को लेकर ऐसा कोई भी जोखिम लेना चाहेंगे? वो भी तब जब अगले साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं और सूबे में बघेल का सियासी कद लगातार बढ़ते ही जा रहा है। या फिर राजस्थान के तर्ज पर छत्तीसगढ़ का भी कोई हल निकलेगा।