• 24/09/2025

BJP दफ्तर फूंका.. पुलिस की गाड़ियों को भी नहीं बख्शा, लेह में Gen-Z का केंद्र के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन, 15 दिन से सोनम वांगचुक हड़ताल पर, जानें मामला

BJP दफ्तर फूंका.. पुलिस की गाड़ियों को भी नहीं बख्शा, लेह में Gen-Z का केंद्र के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन, 15 दिन से सोनम वांगचुक हड़ताल पर, जानें मामला

लद्दाख के लेह में बुधवार को जलवायु और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में युवा पीढ़ी (Gen-Z) ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। छात्रों और युवाओं ने लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा तथा संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जो जल्द ही हिंसक रूप धारण कर लिया। प्रदर्शनकारियों ने CRPF की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया और BJP कार्यालय पर हमला बोलकर उसे आग लगा दी। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच पथराव व लाठीचार्ज की घटनाएं हुईं, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए 4 अतिरिक्त ITBP कंपनियां और 4 CRPF यूनिट तैनात कर दीं। फ्लैग मार्च भी निकाला गया।

यह प्रदर्शन वांगचुक के 10 सितंबर से चले आ रहे 35 दिनों के अनशन (15वें दिन) के समर्थन में था। दो प्रदर्शनकारियों की बिगड़ती तबीयत के कारण उन्हें मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिससे आक्रोश भड़क गया। वांगचुक ने शांति की अपील की है, लेकिन युवाओं का गुस्सा केंद्र की ‘अनदेखी’ पर फूट पड़ा।

प्रदर्शन का रूप हिंसक: आगजनी और झड़पें

लेह अपेक्स बॉडी (LAB) की ओर से दिए गए बंद के आह्वान पर युवा सड़कों पर उतरे। प्रदर्शन शुरू में शांतिपूर्ण था, लेकिन जल्द ही उग्र हो गया। छात्रों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए और BJP कार्यालय पर पथराव किया, जिसके बाद कार्यालय में आग लगा दी गई। CRPF की एक वाहन को भी आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया, लेकिन स्थिति बेकाबू हो गई।

LAB के युवा विंग ने कहा, “केंद्र ने लद्दाख के साथ वादाखिलाफी की है। हम राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची चाहते हैं, ताकि स्थानीय संस्कृति, पर्यावरण और रोजगार सुरक्षित रहे।” यह 1989 के बाद लेह में इतनी हिंसा की पहली घटना है।

सोनम वांगचुक का अनशन: पर्यावरण से राज्य तक की लड़ाई

सोनम वांगचुक, जो ‘थ्री इडियट्स’ फिल्म के प्रेरणा स्रोत के रूप में प्रसिद्ध हैं, लद्दाख के लिए लंबे समय से संघर्षरत हैं। उन्होंने 10 सितंबर को 35 दिनों का अनशन शुरू किया, जो अब 15वें दिन में है। मांगें स्पष्ट हैं:

  •  लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा।
  •  संविधान की छठी अनुसूची में शामिल कर आदिवासी अधिकारों की रक्षा।
  •  स्थानीय लोगों के लिए रोजगार आरक्षण।
  •  पर्यावरण संरक्षण और भूमि अधिकार।

इससे पहले, मार्च 2024 में उन्होंने 21 दिनों का ‘क्लाइमेट फास्ट’ किया था, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं मिला। अगस्त में छोटा अनशन और दिल्ली तक मार्च भी किया। वांगचुक ने कहा, “अगर केंद्र वादा निभाएगा, तो लद्दाख BJP को वोट देगा। लेकिन बातचीत ‘परिणामोन्मुखी’ होनी चाहिए।” LAB और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।

आर्टिकल 370 हटने के बाद लद्दाख का सफर: UT से राज्य की मांग

5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया: जम्मू-कश्मीर UT और लद्दाख UT (लेह व कारगिल सहित)। लद्दाख को UT बनाने का वादा था, लेकिन स्थानीय लोग भूमि हड़पने, पर्यावरण खतरे और रोजगार छिनने से असंतुष्ट हैं। LAB ने कहा, “UT बनने के 6 साल बाद भी कोई सुधार नहीं। चुनावी वादे झूठे साबित हुए।”

अक्टूबर में लेह ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल (LAHDC) चुनाव हैं, जहां BJP ने 2020 में जीत हासिल की थी। प्रदर्शनकारी इसे BJP की ‘विश्वसनीयता की परीक्षा’ बता रहे हैं। 6 अक्टूबर को केंद्र के साथ नई वार्ता निर्धारित है।