• 10/01/2023

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: शादी का वादा करके सहमति से संबंध बनाना रेप नहीं

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: शादी का वादा करके सहमति से संबंध बनाना रेप नहीं

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ओडिशा हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में एक बड़ा फैसला है। कोर्ट ने कि शादी का वादा करके व्यस्क महिला के साथ सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध रेप की श्रेणी में  नहीं आता है। अगर कोई महिला अपनी इच्छा से संबंध बनाती है तो इसमें रेप से संबंधी आपराधिक धाराएं नहीं लग सकती।

जस्टिस संजीब पाणिग्रही की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि शादी के झूठे वादे को दुष्कर्म मानना गलत प्रतीत होता है। क्योंकी आईपीसी की धारा 375 के तहत संहिताबद्ध दुष्कर्म की सामग्री इसे कवर नहीं करती है।

हाईकोर्ट दुष्कर्म के एक मामले में जमानत याचिका की सुनवाई करते यह कहा। जस्टिस पाणिग्रही ने कहा कि पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक महिला और पुरुष दोनों एक दूसरे को अच्छे से जानते थे। मेडिकल रिपोर्ट में पता चलता है कि जबरन यौन संबंध नहीं बनाए गए थे। कोर्ट ने आरोपी को सशर्त जमानत दिए जाने का आदेश दिया कि अभियुक्त पीड़िता को धमकी नहीं देगा साथ ही जांच प्रक्रिया में सहयोग करेगा।

ये है मामला

आरोप है कि एक शख्स ने शादी का झांसा देकर युवती से शारीरिक संंबंध बनाए और फिर बाद में फरार हो गया। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आऱोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। आरोपी ने निचली अदालत में जमानत याचिका लगाई जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद आरोपी ने हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धारा 375 के तहत सहमति से बनाए गए संबंध रेप नहीं होता।