- 26/01/2023
नवा रायपुर के किसानों का बढ़ा आक्रोश, किसान नेता रूपन चंद्राकर लौटाएंगे कृषक सम्मान, ये है नाराजगी की वजह


छत्तीसगढ़ में नई राजधानी के प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने कृषक सम्मान लौटाने का ऐलान कर दिया है। अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के नाम से यह सम्मान उन्हें तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने साल 2015 में दिया था।
गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान नेता रूपन चंद्राकर ने कयाबांधा स्थित धरना स्थल में इसकी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि किसानों की भूमि अधिग्रहण के मामले में किसानों के साथ न्याय नहीं करने पर मैं उन्हें यह सम्मान वापस करना चाहता हूं। चंद्राकर ने कहा कि जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो वह हमारे आंदोलन के साथ खड़ी थी। उनके सभी नेताओं को यहां की हर एक समस्या पता है। सरकार में आने के बाद कांग्रेस के नेता किसानों से किया वादा भूल गए हैं। इसलिए उनसे मिले सम्मान को रखने का कोई मतलब नहीं है। मैं एक दो दिन में राजीव भवन जाकर यह सम्मान वापस करुंगा।
सरकार और संगठन के लिए परेशानी का सबब
रूपन चंद्राकर द्वारा कृषक सम्मान लौटाने का ऐलान कांग्रेस संगठन और सरकार दोनों को ही बेचैन कर देने वाला है। चंद्राकर ने यह ऐलान ऐसे वक्त में किया है जब अगले ही महीने नवा रायपुर में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन है। जिसमें राहुल गांधी समेत तमाम कांग्रेस नेता शिरकत करेंगे। चुनावी राज्यों में राहुल गांधी अभी तक अपनी रैलियों में छत्तीसगढ़ को रोल मॉडल की तरह प्रस्तुत करते हैं। जिसमें वे बताते है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद किसानों से किए गए वादे पूरे किए गए और यहां के किसान खुशहाल हैं।
नाराजगी की वजह
नवा रायपुर के किसानों की जमीनें सरकार ने अधिग्रहण की थी। यहां लंबे समय से किसान पुनर्वास, व्यवस्थापन और उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। सत्ता में आने से पहले कांग्रेस प्रभावित किसानों के साथ खड़ी थी। लेकिन सत्ता में में आने के बाद भी नवा रायपुर के किसानों की समस्याएं जस की तस हैं।
किसान नेता का कहना है कि यहां किसान इतने सालों से आंदोलनरत हैं उनकी समस्या का समाधान क्यों नहीं हो रहा। नवा रायपुर परियोजना के प्रभावित किसानों की समस्या पर मुख्यमंत्री और कांग्रेस ध्यान नहीं दे रही है। वास्तविक कब्जा के आधार पर आवासीय पट्टा, चार गुना मुआवजा, पुनर्वास नीति का पालन करने का आश्वासन तो दिया जा रहा है लेकिन उस पर अमल नहीं हो रहा।