• 11/12/2024

नहीं रहे संत सियाराम बाबा, बगैर माचिस के जलाते थे दिया! उनके चमत्कारों के बारे में जानकर रह जाएंगे हैरान

नहीं रहे संत सियाराम बाबा, बगैर माचिस के जलाते थे दिया! उनके चमत्कारों के बारे में जानकर रह जाएंगे हैरान

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अपने चमत्कारों के लिए देश विदेश में प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा (Siyaram Baba) का निधन हो गया है। बुधवार को मोक्षदा एकादशी की सुबह तकरीबन 6 बजे उन्होंने अपना देह त्याग दिया। उनके परलोक गमन की खबर से उनके भक्तों में शोक की लहर है।

सियाराम बाबा की उम्र 125 साल से ज्यादा बताई जाती है। उन्हें मां नर्मदा के पुत्र के नाम से भी जाना जाता है। नर्मदा नदी के किनारे स्थित अपने भट्यान आश्रम में वे निवास करते थे। पिछले 15 दिनों से वे अस्वस्थ थे। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर 3:30 बजे तेली भट्यान नर्मदा तट पर होगा।

सियाराम बाबा को सिद्ध चमत्कारी संत माना जाता है। बताया जाता है कि वे 50 साल पहले महाराष्ट्र से आए थे। उन्होंने 10 सालों तक खड़े होकर तपस्या की थी। अपने योग-तप के बल की वजह से उन्होंने अपनी सभी इंद्रियों पर काबू पा लिया था। उन पर किसी भी मौसम का कोई असर नहीं पड़ता था। चाहे भीषण गर्मी हो या हाड़ कंपाने वाली ठंड हो बाबा सिर्फ एक लंगोट पहनकर नंगे बदन रहते थे।

बगैर माचिस के दिया जलाते थे!

बाबा के चमत्कारों की कई कहानियां प्रचलित हैं। कहा जाता है कि बाबा ने अग्नि को सिद्ध किया था। उनके चमत्कार का एक वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल है। वीडियो में बाबा बिना माचिस के दिया जलाते नजर आते हैं। हालांकि ‘द तथ्य’ वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।

कभी खत्म नहीं होती थी केतली की चाय

इसके साथ ही बाबा के भक्त उनके चमत्कारों के बारे में बताते हैं कि आश्रम में आने वाले भक्तों को सियाराम बाबा खुद अपने हाथों से चाय दिया करते थे, उनकी केतली की चाय कभी खत्म नहीं होती थी, चाहे वहां कितने भी संख्या में भक्त क्यों न मौजूद हो।

10 रुपये से ज्यादा चढ़ावा नहीं लेते थे

सियाराम बाबा भगवान राम और हनुमान जी के बड़े उपासक थे। उनकी उम्र 125 साल से ज्यादा बताई जाती है। इतनी उम्र में भी वे बगैर चश्मे के 17 से 18 घंटे तक रामायण का पाठ किया करते थे। बाबा भक्तों से 10 रुपये से ज्यादा चढ़ावा नहीं लेते थे। अगर कोई ज्यादा पैसे देता था तो वो उन्हें लौटा देते थे।