- 25/03/2024
रमजान में खजूर खाने से क्या होता है, जानिए कहां से हुई शुरुआत…क्या हैं इसके फायदे?
रमजान का पवित्र महीना चल रहा है, जिसमें करीब 30 दिन का रोजा होता है. आपने अक्सर रोजा रखने वालों को खजूर खाते देखा होगा, ऐसे में आपके मन में कहीं न कहीं ये सवाल उठता होगा कि रोजे को खजूर खाकर ही क्यों तोड़ा जाता है. इसके पीछे की वजह आखिर क्या है. तो चलिए आपको बताते हैं रमजान में क्यों खास है खजूर.
रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्य उदय से पहले भोजन यानी सेहरी करते हैं. साथ ही सूर्य अस्त होने के बाद ही भोजन किया जाता है जिसे इफ्तार कहा जाता है. भले ही पूरे दिन बिना पानी पिए रहने के बाद सबसे पहली चीज जो आप पीना चाहते हैं वह है पानी, लेकिन वास्तव में व्रत तोड़ते समय सबसे पहले खजूर खाने का नियम है. अधिकांश लोग खजूर खाने के बाद ही अन्य भोजन खाना शुरू करते हैं.
क्यों खाया जाता है खजूर?
कहा जाता है कि मुस्लिम समुदाय के पैगंबर हजरत मोहम्मद को खजूर बहुत पसंद था. वे अपना रोजा खजूर खाकर ही खोलते थे. मुस्लिम समुदाय में मानना है कि जो भी व्यक्ति पैगंबर हजरत मोहम्मद की बताई गयी राह पर चलता है. वह सुन्नत माना जाता है. यानी पाक समझा जाता है.
खजूर के वैज्ञानिक फायदे
विशेषज्ञों का कहना है कि रमजान के दौरान पूरे दिन उपवास करने से आपकी ऊर्जा का स्तर कम हो सकता है. लेकिन अगर आप रोजा तोड़ने के तुरंत बाद खजूर खाते हैं तो इससे आपको तुरंत ऊर्जा मिलती है. साथ ही, खजूर इफ्तार के दौरान आपके द्वारा खाए जाने वाले अन्य खाद्य पदार्थों को पचाने में भी मदद करता है.