• 18/06/2024

विपक्षी ही नहीं BJP उम्मीदवार को भी EVM पर शक, VVPAT से मिलान के लिए चुनाव आयोग पहुंचे, EC में अब तक इतने लोगों ने किया आवेदन

विपक्षी ही नहीं BJP उम्मीदवार को भी EVM पर शक, VVPAT से मिलान के लिए चुनाव आयोग पहुंचे, EC में अब तक इतने लोगों ने किया आवेदन

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लोकसभा 2024 के नतीजे घोषित होने  के बाद कई उम्मीदवारों को हार की निराशा झेलनी पड़ रही है। इन उम्मीदवारों में तकरीबन दर्जन भर ऐसे हैं जिन्होंने आवेदन देकर चुनाव आयोग से EVM और VVPAT जांच की मांग की है। जांच की मांग करने वालों में अन्य दलों के उम्मीदवारों के साथ बीजेपी के कैंडिडेट भी शामिल हैं। चुनाव आयोग को दिए अपने आवेदन में इन उम्मीदवारों ने EVM और VVPAT यूनिट के मेमोरी वेरिफिकेशन की मांग की है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग को 10 उम्मीदवारों ने आवेदन दिए हैं। इन्होंने ईवीएम-वीवीपैट के सत्यापन की जांच की मांग की है। इन उम्मीदवारों को प्रत्येक ईवीएम यूनिट के लिए 40 हजार रुपये और 18 फीसदी जीएसटी देना पड़ा है। किसी ने एक ईवीएम यूनिट तो किसी ने तीन तो किसी ने इससे और ज्यादा ईवीएम यूनिट के जांच की मांग की है।

इन उम्मीदवारों में महाराष्ट्र की अहमदनगर लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार सुजय राधाकृष्ण विखेपाटिल का नाम भी शामिल हैं। इन्हें शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से उम्मीदवार ज्ञानदेव लंके ने 28,929 वोटों से हराया है।

ऐसे ही ओडिशा के झारसुगुड़ा लोकसभा सीट से बीजू जनता दल की उम्मीदवार दीपाली दास ने 13 ईवीएम-वीवीपैट मशीनों की जांच की मांग की है। उन्हें भाजपा के टंकधर त्रिपाठी ने 1265 सीटों से हराया। झारसुगुड़ा सीट से कई बार सांसद रह चुकीं दीपाली दास का कहना है कुल 19 राउंड की गिनती में वे 17 वें राउंड तक आगे चल रही थीं। लेकिन आखरी दो राउंड की काउंटिंग में वो पिछड़ गई। जो कि उन्हें रास नहीं आ रहा।

आपको बता दें ईवीएम वीवीपैट पर्चियों के मिलान से जुड़ा  याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल के अपने फैसले में खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मतगणना के 7 दिनों के अंदर उम्मीदवार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से अधिकतम 5 फीसदी ईवीएम मशीनों की जांच का आवेदन चुनाव आयोग को दे सकता है। यह आवेदन केवल दूसरे और तीसरे नंबर पर आए उम्मीदवार ही दे सकते हैं।

इसके साथ ही उम्मीदवार को प्रति ईवीएम मशीन की सत्यापन के लिए 40 हजार प्लस जीएसटी का भुगतान करना पड़ेगा। अगर सत्यापन के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी पाई गई तो उम्मीदवार को यह रकम वापस कर दी जाएगी।