• 21/04/2025

महादेव सट्टेबाजी मामला: ईडी ने 573 करोड़ की संपत्ति जब्त की, मनी लॉन्ड्रिंग के तार छत्तीसगढ़ से दुबई तक

महादेव सट्टेबाजी मामला: ईडी ने 573 करोड़ की संपत्ति जब्त की, मनी लॉन्ड्रिंग के तार छत्तीसगढ़ से दुबई तक

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 573 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त और फ्रीज की है। ईडी ने 16 अप्रैल 2025 को दिल्ली, मुंबई, इंदौर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, चेन्नई और ओडिशा के संबलपुर में कई ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 3.29 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए और सिक्योरिटीज, बॉन्ड्स और डीमैट खातों में 573 करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज की गई। इस मामले में अब तक कुल 2,295.61 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त या फ्रीज की जा चुकी है।

क्या है महादेव सट्टेबाजी मामला?

महादेव ऑनलाइन बुक ऐप एक अवैध सट्टेबाजी मंच है, जो क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन, पोकर, ताश और भारतीय चुनावों तक पर सट्टेबाजी की सुविधा देता है। ईडी के अनुसार, यह एक छतरी सिंडिकेट है, जो बेनामी बैंक खातों के जटिल नेटवर्क के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करता है। ऐप के मुख्य प्रवर्तक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल, जो छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले हैं, दुबई से इसकी गतिविधियां संचालित करते हैं। दोनों को दिसंबर 2023 में दुबई पुलिस ने इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर हिरासत में लिया था, और उनकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया जारी है।

ईडी की जांच में क्या खुलासा हुआ?

ईडी ने पाया कि महादेव ऐप ने अवैध सट्टेबाजी से उत्पन्न धन को हवाला नेटवर्क और बेनामी खातों के जरिए विदेशी खातों में स्थानांतरित किया। जांच में दुबई के हवाला ऑपरेटर हरि शंकर टिबरेवाल की अहम भूमिका सामने आई, जो कोलकाता का रहने वाला है और ‘स्काईएक्सचेंज’ जैसे अवैध सट्टेबाजी मंच संचालित करता है। टिबरेवाल ने मॉरीशस-आधारित टैनो इनवेस्टमेंट अपॉर्चुनिटीज फंड के जरिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के माध्यम से भारतीय शेयर बाजार में सट्टेबाजी की आय का निवेश किया। ईडी ने टिबरेवाल के स्वामित्व वाली संस्थाओं के 580.78 करोड़ रुपये के सिक्योरिटी होल्डिंग्स को पहले फ्रीज किया था।

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि सट्टेबाजी से प्राप्त धन का उपयोग छत्तीसगढ़ में राजनेताओं और नौकरशाहों को रिश्वत देने के लिए किया गया। ईडी ने आरोप लगाया कि चंद्राकर और उप्पल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी।

CBI ने दर्ज की FIR

मामले में सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनके दोनों ओएसडी रहे आशीष वर्मा और मनीष बंछोर, तत्कालीन सीएम सलाहकार रहे विनोद वर्मा, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव, निलंबित राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया, के अलावा 4 IPS आनंद छाबड़ा, आरिफ शेख, अभिषेक पल्लव, प्रशांत अग्रवाल,  दो एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी और संजय ध्रुव के ठिकानों पर छापेमारी की थी। मामले में सीबीआई ने भूपेश बघेल सहित 21 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

चंद्राकर की शादी ने खींचा ध्यान

ईडी की जांच तब तेज हुई, जब फरवरी 2023 में सौरभ चंद्राकर की रास अल-खैमा, यूएई में 200 करोड़ रुपये की आलिशान शादी सामने आई। इसमें निजी जेट से नागपुर से रिश्तेदारों को लाया गया, और बॉलीवुड हस्तियों जैसे नेहा कक्कड़, विशाल ददलानी, सनी लियोन और टाइगर श्रॉफ को परफॉर्म करने के लिए भुगतान किया गया। हवाला चैनलों के जरिए 112 करोड़ रुपये की नकद राशि और 42 करोड़ रुपये की होटल बुकिंग का भुगतान किया गया था।

अब तक की कार्रवाई

  • संपत्ति जब्ती: ईडी ने अब तक 2,295.61 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त, फ्रीज या अटैच की है, जिसमें 19.36 करोड़ रुपये नकद, 16.68 करोड़ रुपये की कीमती वस्तुएं और 1,729.17 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस और सिक्योरिटीज शामिल हैं।
  • गिरफ्तारियां: 11 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें नितिन टिबरेवाल, अमित अग्रवाल, आसिम दास, भीम सिंह यादव और चंद्रभूषण वर्मा शामिल हैं।
  • चार्जशीट: ईडी ने चार चार्जशीट दाखिल की हैं, जिनमें चंद्राकर और उप्पल के नाम शामिल हैं।
  • सेलेब्स पर नजर: रणबीर कपूर, कपिल शर्मा, हुमा कुरैशी, हीना खान और श्रद्धा कपूर समेत कई बॉलीवुड हस्तियों से पूछताछ की गई है, क्योंकि उन्होंने ऐप के प्रचार या चंद्राकर की शादी में हिस्सा लिया था।

महादेव सट्टेबाजी मामला छत्तीसगढ़ में राजनीतिक उथल-पुथल का कारण बना है। ईडी का दावा है कि ऐप के 3,200 से अधिक सट्टेबाजी पैनल प्रतिदिन 40 करोड़ रुपये कमाते हैं। इस मामले ने अवैध सट्टेबाजी, मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला नेटवर्क की गहरी जड़ों को उजागर किया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अगस्त 2024 में मामले की CBI जांच की सिफारिश की थी।

ईडी ने कहा कि जांच अभी जारी है, और टिबरेवाल जैसे हवाला ऑपरेटरों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले ने न केवल अवैध सट्टेबाजी के आर्थिक प्रभाव को उजागर किया है, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी सवाल खड़े किए हैं।