- 01/11/2023
सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड पर सरकार की दलील, कहा- राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले गोपनीयता चाहते हैं ताकि..
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इलेक्टोरल बॉन्ड मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज लगातार दूसरे दिन भी सुनवाई हुई। कोर्ट में केन्द्र सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड का बचाव किया। केन्द्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पहले नगद में चंदा लिया जाता था। इलेक्टोरल बॉन्ड की वजह से राजनीतिक चंदे की प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है। गोपनीयता की व्यवस्था दानदाताओं के हित में रखी गई है।
सॉलिसिटर जनरल ने इलेक्टोरल बॉन्ड के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले गोपनीयता चाहते हैं ताकि दूसरी पार्टी उनके प्रति नाराजगी न रखे। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल को ज्यादा चंदा मिलना कोई नई बात नहीं है। 2004 से 2014 के बीच भी यही हुआ था।
आपको बता दें इलेक्टोरल बॉन्ड को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविवाधान पीठ ने मंगलवार 31 अक्टूबर से सुनवाई शुरु की है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफर्म्स (ADR) की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट में कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। इससे यह पता नहीं चल पाता कि किस पार्टी को कितना चंदा मिला।
ADR के मुताबिक साल 2021-22 में इलेक्टोरल बॉन्ड से सभी राजनीतिक दलों को 9,188 करोड़ रुपये चंदा मिला। जिसमें कि अकेले बीजेपी के हिस्से में 57 फीसदी और कांग्रेस को महज 10 प्रतिशत ही मिला।