• 28/05/2022

मंकीपॉक्स की 1 घंटे में हो सकेगी पहचान, भारतीय कंपनी ने बनाई टेस्ट किट

मंकीपॉक्स की 1 घंटे में हो सकेगी पहचान, भारतीय कंपनी ने बनाई टेस्ट किट

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नई दिल्ली। मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामले लगातार तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। ये संक्रामक बीमारी अब तक 20 देशों को अपनी चपेट में ले चुकी है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक अब तक 200 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इस बीमारी की दहशत के बीच भारत की एक निजी हेल्थ कंपनी ने इस वायरस का पता लगाने के लिए आरटीपीसीआर (RT-PCR) किट बनाने जा रही है।

मंकीपॉक्स का पता लगाने के लिए भारतीय प्राइवेट हेल्थ डिवाइस कंपनी ट्रविट्रान हेल्थकेयर ने एक रियल-टाइम आरटी-पीसीआर (RT-PCR) किट विकसित की है। यह किट चार रंग फ्लोरोसेंस पर आधारित है और टेस्ट करने में एक घंटे का समय लगता है।

बताया जा रहा है कि ट्रिविट्रॉन द्वारा विकसित की गई यह किट एक ट्यूब में चेचक और मंकीपॉक्स के बीच अंतर कर सकती है। चार जीन आरटी-पीसीआर किट में पहला व्यापक ऑर्थोपॉक्स ग्रुप में वायरस का पता लगाता है। दूसरा, तीसरा मंकीपॉक्स और चेचक वायरस को अलग करता है।

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ब्रिटेन के अलावा अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, इटली, स्पेन, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया और इजराइल सहित कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं।

मंकीपॉक्स के लक्षण साधारण फ्लू जैसे ही होते हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोगों में ठंड लगना, बुखार, शरीर में दर्द और थकान का कारण बनता है। इसके अलावा मरीजों के चेहरे, हाथों और शरीर के अन्य हिस्सों पर चकत्ते और घाव नजर उभर आते हैं।

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