• 20/10/2022

छत्तीसगढ़ में बजरंगबली को जारी हुआ नोटिस, दफ्तर में उपस्थित होने 15 दिन की दी मोहलत, जानिए क्या है मामला

छत्तीसगढ़ में बजरंगबली को जारी हुआ नोटिस, दफ्तर में उपस्थित होने 15 दिन की दी मोहलत, जानिए क्या है मामला

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राम के ननिहाल (छत्तीसगढ़) से उनके परम भक्त बजरंगबली को नोटिस जारी हुआ है। नोटिस भेजकर उऩ्हें कार्यालय में उपस्थित होने निर्देश दिया गया है और 15 दिन की मोहलत दी गई है। नोटिस के बावजूद अगर वे कार्यालय में उपस्थित नहीं होते हैं तो उन्हें सरचार्ज लगाने की चेतावनी भी दी गई है। यह नोटिस  बजरंगबली को पानी का टैक्स चुकाने के लिए जारी किया गया है।

भगवान को नोटिस भेजने का ये कारनामा छत्तीसगढ़ के रायगढ़ नगर निगम का है। नगर निगम नोटिस जारी कर बकाया जल कर की वसूली कर रहा है। नगर निगम के वार्ड क्रमांक 18 टिकरापारा में हनुमान जी का मंदिर है। लिहाजा निगम प्रशासन हुनमान जी को ही हितग्राही मानते हुए उन्हें नोटिस जारी कर दिया। नोटिस में हनुमान जी को कहा गया है कि वे पानी के बिल का 400 रुपये भुगतान करें। इसके लिए उन्हें दफ्तर आना पड़ेगा। 15 दिन के भीतर अगर दफ्तर में उपस्थित होकर उन्होंने बिल जमा नहीं किया तो सरचार्ज लगाया जाएगा।

रायगढ़ नगर निगम ने नोटिस में कहा है, ‘यह मांग पत्र है। उल्लेखित राशि का भुगतान संबंधित तामिलकर्ता को नहीं करना है। राशि का भुगतान नगर निगम कार्यालय में उपस्थित होकर संबंधित क्षेत्र के सहायक राजस्व निरीक्षक को किया जाये। बिल तामिलकर्ता को राशि प्राप्त करने अधिकृत नहीं किया गया है। रायगढ़ नगर निगम द्वारा आपकी सहमति से निज निवास में जल प्रदाय का कार्य  किया जा रहा है। इस सूचना को पाने के 15 दिनों के भीतर पूरी रकम निगम कार्यालय में अवश्यक जमा करें अन्यथा नियमानुसार सर चार्ज सहित राशि की वसूली आपसे की जाएगी।’

हनुमान जी को जारी नोटिस पर सोशल मीडिया में हंगामा मच गया है। इसे भगवान का अपमान बताया जा रहा है। वहीं सोशल मीडिया में मचे हंगामे के बाद नगर निगम प्रशासन को अपनी गलती का अहसास हो गया और उसे संसोधन करने की बात कही जा रही है।

आपको बता दें छत्तीसगढ़ में यह कोई पहला मामला नहीं है जब भगवान को नोटिस जारी किया गया है। इससे पहले रायगढ़ के ही नायब तहसीलदार ने भगवान शंकर को नोटिस जारी कर तहसील कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था। नोटिस में भगवान शंकर को चेतावनी भी दी गई थी कि अगर वे तहसील न्यायालय में नहीं उपस्थित होंगे तो 10 हजार के जुर्माने के साथ ही उन्हें बेदखल कर दिया जाएगा। भगवान शंकर पर जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप था।

तहसीलदार विक्रामत सिंह ने भगवान शंकर सहित 10 लोगों को नोटिस जारी किया था। नोटिस जारी होने के बाद उनके भक्त मंदिर से शिवलिंग उखाड़कर तहसीलदार के कोर्ट में पेश हुए थे। इस मामले में भी जमकर हंगामा मचा था। जिसके बाद जिला प्रशासन ने अपनी इस गलती को सुधारा था।