• 02/05/2025

NIA की रिपोर्ट में पहलगाम अटैक पर बड़ा खुलासा, आतंकियों की किसने की मदद.. कैसे पहुंचा हथियार; साजिश के पीछे कौन-कौन?

NIA की रिपोर्ट में पहलगाम अटैक पर बड़ा खुलासा, आतंकियों की किसने की मदद.. कैसे पहुंचा हथियार; साजिश के पीछे कौन-कौन?

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। इस हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई और 20 से अधिक लोग घायल हुए। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान की गहरी साजिश का खुलासा किया है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, ISI और पाकिस्तानी सेना की संलिप्तता सामने आई है।

पाकिस्तान की साजिश का पर्दाफाश

NIA की जांच के अनुसार, हमले की साजिश पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय में ISI के निर्देश पर रची गई। आतंकियों को पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) से निर्देश और फंडिंग मिल रही थी। हमलावर अपने PoK-based हैंडलर्स के लगातार संपर्क में थे। यह हमला कश्मीर में पर्यटन को निशाना बनाकर क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने की सुनियोजित रणनीति का हिस्सा था।

आतंकियों की पहचान

जांच में हमले में शामिल प्रमुख आतंकियों की पहचान हाशिम मूसा और अली उर्फ तल्हा भाई के रूप में हुई, जो दोनों पाकिस्तानी नागरिक और लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य हैं। इनकी सहायता स्थानीय आतंकी आदिल हुसैन ठोकर ने की, जो अनंतनाग का निवासी है। ठोकर ने आतंकियों को इलाके की जानकारी और लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान किया।

OGW की भूमिका

NIA ने हमले में Over Ground Workers (OGW) के व्यापक नेटवर्क का खुलासा किया। ये स्थानीय लोग आतंकियों को छिपने की जगह, हथियार, और रास्तों की जानकारी उपलब्ध कराते थे। जांच में 150 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए गए, और OGW की सूची तैयार की गई है। इनके खिलाफ कठोर प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

तकनीकी और फॉरेंसिक जांच

NIA ने बैसरन घाटी में हमले की 3D मैपिंग और घटनाक्रम का रिक्रिएशन किया, जिससे पता चला कि हथियार बेताब घाटी में छिपाए गए थे। खाली कारतूस सहित फॉरेंसिक साक्ष्य एकत्र किए गए, जिन्हें Forensic Science Lab भेजा गया है। जांच से यह भी सामने आया कि आतंकी अत्याधुनिक संचार उपकरणों का उपयोग कर रहे थे, जो बिना सिम कार्ड के एन्क्रिप्टेड संदेश भेजने में सक्षम थे।

आगे की कार्रवाई

NIA के महानिदेशक की देखरेख में तैयार यह रिपोर्ट जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी जाएगी। इसके आधार पर पाकिस्तान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र (UN) और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सबूत पेश किए जा सकते हैं। भारत ने पहले ही इस हमले के जवाब में Indus Waters Treaty को निलंबित करने, अटारी सीमा बंद करने और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने जैसे कदम उठाए हैं।