• 28/04/2025

न्यूक्लियर अटैक की धमकी के बाद घुटने पर आया पाकिस्तान, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बोले- ‘हम भारत के साथ युद्ध नहीं चाहते’

न्यूक्लियर अटैक की धमकी के बाद घुटने पर आया पाकिस्तान, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बोले- ‘हम भारत के साथ युद्ध नहीं चाहते’

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हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। इस बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और अन्य मंत्रियों की ओर से भारत को परमाणु हमले की धमकियां दी गई थीं। हालांकि, अब पाकिस्तान ने अपने रुख में नरमी दिखाते हुए कहा है कि वह भारत के साथ युद्ध नहीं चाहता। ख्वाजा आसिफ ने रूसी मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में पहलगाम हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की और कहा कि इसमें रूस और चीन को शामिल किया जाना चाहिए।

पहलगाम में 26 लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित कर दिया और सीमा पर सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया। जवाब में, पाकिस्तान के रेल मंत्री हनीफ अब्बासी ने भारत को 130 परमाणु हथियारों से हमले की धमकी दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि “हमारे घोरी, शाहीन और गजनवी मिसाइलें भारत के लिए ही हैं।”

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी स्काई न्यूज को दिए साक्षात्कार में भारत के साथ “पूर्ण युद्ध” की चेतावनी दी थी और कहा था कि दो परमाणु शक्तियों के बीच टकराव पूरी दुनिया के लिए चिंताजनक है। उन्होंने पहलगाम हमले को भारत द्वारा “मंचित” करार दिया और इसे “झूठा ऑपरेशन” बताया।

हालांकि, तनाव बढ़ने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं के बीच पाकिस्तान ने अब अपने तेवर नरम कर लिए हैं। ख्वाजा आसिफ ने कहा, “हम नहीं चाहते कि यह युद्ध भड़के, क्योंकि इससे इस क्षेत्र में तबाही मच सकती है।” उन्होंने पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि पाकिस्तान किसी भी अंतरराष्ट्रीय जांच में सहयोग करने को तैयार है।

आसिफ ने यह भी दावा किया कि लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठन अब पाकिस्तान में अस्तित्व में नहीं हैं और पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

भारत का रुख

भारत ने पाकिस्तान के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि पहलगाम हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का स्पष्ट उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को “ट्रैक और सजा” देने का संकल्प लिया है। भारत ने कूटनीतिक स्तर पर भी कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को निलंबित करना और अटारी सीमा को बंद करना शामिल है।