• 30/06/2024

लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी ने पहली बार की मन की ‘बात’…मां को किया याद

लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी ने पहली बार की मन की ‘बात’…मां को किया याद

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प्रधानमंत्री ने रविवार को एक बार फिर ‘मन की बात’ 111वें एपिसोड का संबोधन किया। जिसमें उन्होंने कई अहम मुद्दों पर बात की। प्रधानमंत्री ने कहा’मन की बात’ के जरिए मैं एक बार फिर आपके बीच, अपने परिवार के सदस्यों के बीच आया हूं।मैंने फरवरी में आपसे कहा था कि चुनाव नतीजों के बाद मैं आपसे फिर मिलूंगा और आज मैं फिर से मन की बात के साथ आपके बीच आया हूं।

प्रधानमंत्री ने मानसून के आगमन पर खुशी जताते हुए कहा की आज 30 जून का दिन बहुत महत्वपूर्ण है‌। हमारे आदिवासी भाई-बहन इस दिन को हुल दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन वीर सिद्धू और कान्हू के साहस से जुड़ा है, जिन्होंने विदेशी शासकों के अत्याचारों का डटकर विरोध किया।उन्होंने हजारों संथाली साथियों को एकजुट किया और अंग्रेजों से बहादुरी से मुकाबला किया।

प्रधानमंत्री ने पर्यावरण पर मां के नाम पर प्रत्येक व्यक्ति से एक पेड़ लगाने की अपील की।हम सबके जीवन में ‘मां’ का दर्जा सबसे ऊंचा होता है।मां हर दुख सहकर भी अपने बच्चे का पालन-पोषण करती है।हर मां अपने बच्चे पर हर स्नेह लुटाती है। जन्मदात्री मां का ये प्यार हम सब पर एक कर्ज की तरह होता है जिसे कोई चुका नहीं सकता।

प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव के संबंध में देशवासियों को भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया उन्होंने कहा मैं चुनाव आयोग और मतदान की प्रकिया से जुड़े हर व्यक्ति को इसके लिए बधाई देता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,’पेरिस ओलंपिक में आपको कुछ चीजें पहली बार देखने को मिलेंगी।शूटिंग में हमारे खिलाड़ियों की प्रतिभा निखरकर सामने आ रही है।टेबल टेनिस में पुरुष और महिला दोनों टीमें क्वालीफाई कर चुकी हैं।भारतीय शॉटगन टीम में हमारी शूटर बेटियाँ भी शामिल हैं।इस बार कुश्ती और घुड़सवारी में हमारे दल के खिलाड़ी उन वर्गों में भी बढ़त हासिल करेंगे जिनमें पहले वे कभी शामिल नहीं रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जब हम भारत के किसी स्थानीय उत्पाद को वैश्विक बनते देखते हैं, तो गर्व महसूस होना स्वाभाविक है।ऐसा ही एक उत्पाद है, अराकू कॉफी आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीता राम राजू जिले में बड़ी मात्रा में उगायी जाती है।

यह अपने भरपूर स्वाद और सुगंध के लिए जानी जाती है। अराकू कॉफी की खेती से करीब 1.5 लाख आदिवासी परिवार जुड़े हुए हैं। अराकू कॉफी को कई वैश्विक पुरस्कार मिल चुके हैं।दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भी इस कॉफी की चर्चा हुई थी।