• 10/10/2024

देश का अनोखा देवी मंदिर, जहां भक्त चढ़ाते हैं जूते-चप्पल…माता रानी पूरी करती हैं हर मुराद

देश का अनोखा देवी मंदिर, जहां भक्त चढ़ाते हैं जूते-चप्पल…माता रानी पूरी करती हैं हर मुराद

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मंदिरों में प्रवेश करने से पहले चप्पल जूते उतार दिए जाते हैं। लेकिन हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे है। जहां की विशेषता जूते चप्पल चढ़ाने से है। मध्यप्रदेश के भोपाल में ऐसा मंदिर है। जहां माता के मंदिर में चप्पल जूते भुगतान किए जाते हैं। इस मंदिर को ‘जीजी बाई’ माता का मंदिर कहा जाता है। इसके अलावा देवी मां को ‘चप्पल वाली माता’ के नाम से भी जाना जाता है।

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भोपाल के कोलार क्षेत्र में एक पहाड़ी पर माता कामेश्वरी की शक्ति पीठ के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर की स्थापना 1999 में हुई थी। दरअसल मंदिर के पुजारी का कहना है कि जब मंदिर की स्थापना की। उससे पहले इस पहाड़ी पर भगवान शिव और पार्वती का विवाह समारोह संपन्न करवाया गया था। इस विवाह में मां पार्वती को अपने हाथों से बेटी के रूप में विदा किया गया था। इसलिए देवी को अपनी बेटी मानकर उनकी पूजा करते हैं। क्षेत्रवासी मां को अपनी बहन की तरह मानते हैं। इसलिए उन्हें जीजी भाई कहते हैं।

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मंदिर के मुख्य पुजारी ओमप्रकाश महाराज देवी को अपनी बेटी मानकर पूजा करते हैं इसी परंपरा के तहत बाल स्वरूप में देवी की पूजा की जाती है मंदिर में रोज देवी का श्रृंगार किया जाता है। जिसमें चश्मा,छाता, कपड़े इत्र गंगा और चप्पल शामिल है। दिन में तीन बार देवी के कपड़े बदले जाते हैं। और नियमित रूप से सजाया जाता है। भक्त या देवी सिद्ध रात्रि को बाल रूप में देखते हैं। और उनकी देखभाल एक बेटी की तरह करते हैं।

माना जाता है की देवी मंदिर में चप्पल दान करने से यह प्रसन्न होती हैं। और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। वही लोग नई चप्पल जूते और सैंडल माता के चरणों में अर्पित करते हैं किसी परंपरा का पालन करने वाले भक्तों में न केवल स्थानी लोग बल्कि विदेशों से आने वाले श्रद्धालु भी शामिल हैं। जो माता के लिए जूते चप्पल भेजते हैं।

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पहाड़ी वाले इस मंदिर में कोई दान पेटी नहीं है और ना ही कोई ट्रस्ट या समिति बनी हुई है भक्त अपनी इच्छा से जो दान करते हैं उसी से मंदिर का संचालन किया जाता है। मंदिर परिसर में 12 ज्योतिर्लिंग, महाकाली नवदुर्गा, हनुमान व राम दरबार और नवग्रह के मंदिर है। इसके अलावा यहां करवा चौथ मंदिर भी है। जहां महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती है और देवी पार्वती की पूजा करती है।