• 06/08/2025

स्मोकिंग करने वाले हो जाएं सावधान! बढ़ता है स्लिप डिस्क का खतरा, रीढ़ की हड्डी हो रही कमजोर, डॉक्टरों ने दी चेतावनी

स्मोकिंग करने वाले हो जाएं सावधान! बढ़ता है स्लिप डिस्क का खतरा, रीढ़ की हड्डी हो रही कमजोर, डॉक्टरों ने दी चेतावनी

धूम्रपान से फेफड़े खराब होने और कैंसर का खतरा तो जगजाहिर है, लेकिन अब रिसर्च में सामने आया है कि यह आदत स्लिप डिस्क की गंभीर समस्या को भी जन्म दे सकती है। शिलॉन्ग के उत्तर-पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NEIGRIHMS) के डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि स्मोकिंग करने वालों में स्लिप डिस्क (लम्बर डिस्क हर्नियेशन) का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।

 क्या है स्लिप डिस्क?

स्लिप डिस्क तब होती है, जब रीढ़ की हड्डी के बीच की डिस्क अपनी जगह से खिसककर नसों पर दबाव डालती है। इससे कमर, गर्दन या पैरों में तेज दर्द, हाथ-पैरों में सुन्नता, झनझनाहट, और चलने-उठने-बैठने में परेशानी होती है। बढ़ती उम्र के साथ यह समस्या और गंभीर हो सकती है।

स्मोकिंग कैसे बढ़ाती है खतरा?

NEIGRIHMS के डॉ. भास्कर बोरगोहेन और उनकी टीम ने एक मरीज की सफल सर्जरी के बाद यह जानकारी साझा की, जिसमें बार-बार स्लिप डिस्क की समस्या देखी गई। सर्जरी में ट्यूबलर माइक्रोडिसेक्टोमी तकनीक से रीढ़ की एस1 नर्व रूट पर दबाव कम किया गया और हर्नियेटेड डिस्क के चार बड़े टुकड़े निकाले गए।

डॉ. बोरगोहेन ने बताया कि सिगरेट के धुएं में मौजूद हानिकारक केमिकल जैसे निकोटीन, कार्बन मोनोऑक्साइड और टॉक्सिक हाइड्रोकार्बन डिस्क के बाहरी रिंग (Annulus) में मौजूद कोलेजन फाइबर को नुकसान पहुंचाते हैं। ये फाइबर डिस्क को मजबूत रखते हैं। स्मोकिंग से रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे डिस्क को ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता। इससे डिस्क कमजोर होकर टूट सकती है या बाहर निकल सकती है, जिससे स्लिप डिस्क का खतरा बढ़ जाता है।

डॉक्टरों की सलाह: धूम्रपान छोड़ें

डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि धूम्रपान से बचें, ताकि न केवल स्लिप डिस्क जैसी रीढ़ की समस्याओं का जोखिम कम हो, बल्कि समग्र मस्कुलोस्केलेटल हेल्थ में भी सुधार हो। डॉ. बोरगोहेन ने कहा, “स्मोकिंग न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि रीढ़ की हड्डी की सेहत को भी खतरे में डालती है।”

यह रिसर्च और चेतावनी उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो धूम्रपान को हल्के में लेते हैं। स्लिप डिस्क जैसी गंभीर समस्या से बचने के लिए धूम्रपान छोड़ना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है।