- 23/07/2025
यौन उत्पीड़न के आरोपी पर मेहरबानी क्यों? बनाया असिस्टेंट एडवोकेट जनरल; BJP सांसद का है बेटा

हरियाणा की बीजेपी सरकार ने एक विवादास्पद फैसले में यौन उत्पीड़न के आरोपी विकास बराला को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल (AAG) नियुक्त किया है। विकास, हरियाणा बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे हैं। विकास पर 2017 में चंडीगढ़ में एक आईएएस अधिकारी की बेटी वर्णिका कुंडू के साथ यौन उत्पीड़न, पीछा करने और अपहरण के प्रयास का आरोप है। इस नियुक्ति ने सैनी सरकार की मंशा और नैतिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है मामला?
2017 में वर्णिका कुंडू, जो हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वीएस कुंडू की बेटी हैं, ने चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। वर्णिका ने बताया कि आधी रात को घर लौटते समय विकास बराला और उनके दोस्त आशीष कुमार ने अपनी गाड़ी से उनका पीछा किया और रास्ता रोकने की कोशिश की। वर्णिका ने कहा कि उनकी कार का सेंट्रल लॉक बंद होने के कारण वह सुरक्षित रहीं। चंडीगढ़ पुलिस ने विकास और आशीष के खिलाफ आईपीसी की धारा 354D (पीछा करना), 341 (गलत तरीके से रोकना), 365 (अपहरण का प्रयास) और 511 के तहत मामला दर्ज किया। दोनों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई। इस मामले की सुनवाई चंडीगढ़ की एक अदालत में चल रही है, और अगली तारीख 2 अगस्त 2025 को निर्धारित है।
विकास बराला की नियुक्ति
18 जुलाई 2025 को हरियाणा सरकार ने 97 नए कानून अधिकारियों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की, जिसमें विकास बराला को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया। उस समय विकास कानून के छात्र थे और दिसंबर 2017 में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने उन्हें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी थी। इस नियुक्ति ने विपक्ष और जनता में आक्रोश पैदा कर दिया है, क्योंकि विकास अभी भी गंभीर आरोपों में जमानत पर हैं।
विपक्ष का हमला
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने इस नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा, “एडवोकेट जनरल के पद पर केवल योग्य और बेदाग छवि वाले लोगों की नियुक्ति होनी चाहिए।” कांग्रेस ने पहले भी इस मामले को उठाकर बीजेपी पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। वर्णिका के पिता वीएस कुंडू, जो दिसंबर 2022 में रिटायर होने के बाद राज्य राजस्व आयोग के अध्यक्ष हैं, ने कहा, “यह सरकार का मामला है कि वे किसे नियुक्त करते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सात साल बाद भी बचाव पक्ष की गवाही शुरू नहीं हुई।”
सुभाष बराला का राजनीतिक सफर
सुभाष बराला 2014 से 2020 तक हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष रहे। 2019 में वे टोहाना सीट से विधानसभा चुनाव हार गए, जिसके बाद उन्हें हरियाणा लोक उद्यम ब्यूरो का अध्यक्ष बनाया गया। फरवरी 2024 में वे राज्यसभा सांसद चुने गए।
सरकारी की चुप्पी
हरियाणा के एडवोकेट जनरल परविंदर सिंह चौहान ने इस नियुक्ति पर कोई टिप्पणी नहीं की। सोशल मीडिया पर इस फैसले की तीखी आलोचना हो रही है, जहां लोग इसे महिलाओं के प्रति असंवेदनशील और पक्षपातपूर्ण कदम बता रहे हैं। इस नियुक्ति ने सैनी सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।