• 21/04/2024

बाबा रामदेव को फिर लगा सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका, भरना होगा 4.5 करोड़ टैक्स

बाबा रामदेव को फिर लगा सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका, भरना होगा 4.5 करोड़ टैक्स

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योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। भ्रामक विज्ञापन मामले के बाद अब रामदेव की पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को सुप्रीम कोर्ट से फिर तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले को बरकरार रखते हुए उसमें हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने ट्रस्ट की अपील खारिज करते हुए कहा, “न्यायाधिकरण ने ठीक ही कहा है कि शुल्क वाले शिविरों में योग करना एक सेवा है। हमें इस आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला। अपील खारिज की जाती है।”

अपीलीय न्यायाधिकरण (CESTAT) ने 5 अक्टूबर 2023 को पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को योग शिविरों के आयोजन के लिए प्रवेश शुल्क लेने पर सेवा कर भुगतान करने का आदेश दिया था। CESTAT ने अपने आदेश में कहा था कि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट की तरफ से आयोजित आवासीय एवं गैर-आवासीय योग शिविरों में शामिल होने के लिए शुल्क लिया जाता है। जो कि ‘स्वास्थ्य और फिटनेस सेवा’ की श्रेणी में आता है और इस पर सेवा कर लगेगा।

दान की राशि के नाम पर लिया शुल्क

न्यायाधिकरण ने कहा था कि पंतजलि योगपीठ ट्रस्ट द्वारा योग शिविरों में शामिल होने वाले प्रतिभागियों से दान के रुप में शुल्क एकत्र किया गया था। हालांकि यह राशि दान के रुप में एकत्र की गई थी। लेकिन यह सेवाओं को प्रदान करने के लिए शुल्क ही था। इसलिए यह शुल्क की परिभाषा के तहत आता है।

4.5 करोड़ रुपये भरना होगा टैक्स

सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, मेरठ रेंज के आयुक्त ने साल 2006 अक्टूबर से मार्च 2011 के लिए जुर्माना और ब्याज सहित लगभग 4.5 करोड़ रुपये के सेवा कर की मांग की थी। इसके जवाब में ट्रस्ट ने दलील दी थी कि वह ऐसी सेवाएं प्रदान कर रहा है जो बीमारियों के इलाज के लिए है। इसमें कहा गया था कि ये सेवाएं ‘स्वास्थ्य और फिटनेस सेवा’ के तहत कर-योग्य नहीं हैं। अब पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को 4.5 करोड़ रुपये टैक्स भरना होगा।