- 04/07/2025
रावतपुरा मेडिकल कॉलेज रिश्वतकांड मामला: मान्यता के लिए घोस्ट फेकल्टी, नकली मरीज का खेल.. CBI ने चेयरमैन रविशंकर जी महाराज सहित 35 को बनाया आरोपी, कई बड़े नाम भी, देखिए पूरी लिस्ट


छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (SRIMSR) में मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए रिश्वत और भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने इस मामले में 35 लोगों को नामजद आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। जांच अभी जारी है और माना जा रहा है कि इस घोटाले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं।
1 जुलाई को 6 गिरफ्तार, 55 लाख की रिश्वत जब्त
सीबीआई ने 1 जुलाई 2025 को इस मामले में पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें तीन डॉक्टर शामिल थे। इन डॉक्टरों पर मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए 55 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। यह रिश्वत बेंगलुरु में लेनदेन के दौरान पकड़ी गई। गिरफ्तार किए गए लोगों को रायपुर की विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेजा गया।
1.62 करोड़ की रिश्वत डील का खुलासा
सीबीआई के अनुसार, मान्यता दिलाने के लिए 1.62 करोड़ रुपये की रिश्वत डील हुई थी, जिसमें 55 लाख रुपये की दूसरी किस्त हवाला के जरिए बेंगलुरु भेजी जा रही थी। जांच में यह भी सामने आया कि गीतांजलि यूनिवर्सिटी, उदयपुर के रजिस्ट्रार मयूर रावल ने निरीक्षण तिथि, टीम और अन्य संवेदनशील जानकारी पहले ही लीक कर दी थी, जिसके बदले उन्होंने 25-30 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
घोस्ट फैकल्टी और नकली मरीजों का खेल
सीबीआई की जांच में पता चला कि कॉलेज प्रबंधन ने मान्यता प्राप्त करने के लिए निरीक्षण के दौरान घोस्ट फैकल्टी, नकली मरीज और फर्जी उपस्थिति जैसे हथकंडे अपनाए। निरीक्षण से पहले ही जांच टीम की जानकारी लीक होने के कारण कॉलेज ने अनुकूल परिस्थितियां दिखाने की तैयारी कर ली थी। इससे पहले भी श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज पर फर्जी फिंगरप्रिंट, निरीक्षण के दौरान अस्थायी स्टाफ और डमी मरीजों के इस्तेमाल जैसे आरोप लग चुके हैं।
आरोपियों की सूची
सीबीआई ने जिन 35 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- रविशंकर जी महाराज– चेयरमैन, रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, रायपुर
- अतुल कुमार तिवारी – डायरेक्टर, रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज, नवा रायपुर
- मयूर रावल – रजिस्ट्रार, गीतांजलि यूनिवर्सिटी, उदयपुर
- आर. रणदीप नायर – प्रोजेक्ट हेड, टेकइन्फी सॉल्यूशन्स, नई दिल्ली
- डॉ. मंजप्पा सी. एन. – प्रोफेसर और HOD (ऑर्थोपेडिक्स), मंड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कर्नाटक
- डॉ. सतीश, डॉ. चैत्रा एम. एस., डॉ. पी. रजनी रेड्डी, डॉ. अशोक शेल्के – NMC निरीक्षण दल के सदस्य
- डी. पी. सिंह – कुलपति, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई
- लक्ष्मीनारायण चंद्राकर – अकाउंटेंट, रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज
- संजय शुक्ला – रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज
- स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के कई अधिकारी, जैसे- जीतू लाल मीणा, पूनम मीणा, धर्मवीर, पियूष मल्यान, अनूप जायसवाल, राहुल श्रीवास्तव, चंदन कुमार, दीपक, और मनिषा।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की कार्रवाई
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने इस मामले में शामिल तीन डॉक्टरों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। NMC ने स्पष्ट किया कि निरीक्षण के लिए नियुक्त किए गए मूल्यांकनकर्ता सरकारी मेडिकल कॉलेजों से स्वैच्छिक आधार पर चुने जाते हैं और वे आयोग के कर्मचारी नहीं हैं। NMC ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति की बात दोहराई है।
CBI की छापेमारी और..
सीबीआई ने इस मामले में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सहित 6 राज्यों में 40 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। जांच में महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं। सीबीआई का कहना है कि यह मामला मेडिकल शिक्षा में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करता है, और आगे की जांच में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।