• 19/07/2025

चैतन्य बघेल.. 1000 करोड़ की कैश हैंडलिंग, 100 करोड़ तांत्रिक को भी दिए, छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ED का दावा

चैतन्य बघेल.. 1000 करोड़ की कैश हैंडलिंग, 100 करोड़ तांत्रिक को भी दिए, छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ED का दावा

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद सनसनीखेज खुलासे किए हैं। एजेंसी ने दावा किया है कि चैतन्य बघेल ने कथित तौर पर 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये की अपराध आय प्राप्त की और एक संगठित सिंडिकेट के साथ मिलकर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी की हैंडलिंग की। ED ने यह भी आरोप लगाया कि चैतन्य के निर्देश पर 80-100 करोड़ रुपये की नकदी तांत्रिक केके श्रीवास्तव को दी गई। यह कार्रवाई 18 जुलाई को चैतन्य के भिलाई स्थित आवास पर छापेमारी के बाद हुई, जिसके बाद उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया गया।

ED का आरोप: शराब घोटाले में चैतन्य की अहम भूमिका

ED ने रायपुर की विशेष PMLA अदालत में दायर रिमांड आवेदन में कहा कि चैतन्य बघेल ने दो फर्मों के जरिए 16.70 करोड़ रुपये की अपराध आय प्राप्त की, जिसमें से 5 करोड़ रुपये साहिली ज्वेलर्स के माध्यम से आए। इसमें से 4.5 करोड़ रुपये बकाया और ब्याज-मुक्त हैं, जो ED के अनुसार धन शोधन का एक तरीका है। एजेंसी का दावा है कि चैतन्य ने शराब घोटाले से प्राप्त धन को बेनामी लेनदेन और रियल एस्टेट में निवेश के जरिए डायवर्ट किया। विशेष रूप से, चैतन्य की कंपनी बघेल डेवलपर्स के “विठ्ठल ग्रीन” प्रोजेक्ट में वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं

1,000 करोड़ की नकदी और तांत्रिक कनेक्शन

ED ने कोर्ट में बताया कि चैतन्य ने सह-आरोपी लक्ष्मी नारायण बंसल (पप्पू बंसल) के साथ मिलकर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध आय को हैंडल किया। बंसल ने अपने बयान में स्वीकार किया कि उसने अनवर ढेबर से दीपेन छावड़ा के जरिए नकदी प्राप्त की और चैतन्य के निर्देश पर इसे राम गोपाल अग्रवाल को सौंपा। इसके अलावा, 80-100 करोड़ रुपये की राशि तांत्रिक केके श्रीवास्तव को दी गई। ED ने दावा किया कि यह पूरा नेटवर्क 2019 से 2022 के बीच भूपेश बघेल की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के दौरान संचालित हुआ।

कैसे हुआ घोटाला

ED के अनुसार, यह शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में एक समानांतर आबकारी विभाग चलाकर किया गया, जिसमें शराब की बिक्री से प्राप्त राजस्व राज्य के खजाने में नहीं पहुंचा। इस घोटाले से राज्य को 2,161 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि शराब सिंडिकेट को अवैध लाभ मिला। नकली होलोग्राम, विदेशी शराब के लाइसेंस (FL-10A) में हेरफेर और बिना हिसाब की बिक्री के जरिए यह घोटाला अंजाम दिया गया। अब तक 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

अडानी के खिलाफ आवाज दबाने के लिए कार्रवाई

चैतन्य की गिरफ्तारी, जो उनके जन्मदिन के दिन हुई, ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। भूपेश बघेल ने इसे केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा विपक्ष को दबाने की साजिश करार दिया। उन्होंने दावा किया कि यह कार्रवाई रायगढ़ के तमनार में अडानी समूह के कोयला खदान प्रोजेक्ट के खिलाफ उनकी आवाज को दबाने के लिए की गई। बघेल ने X पर पोस्ट कर कहा, “मोदी और शाह जी जैसा जन्मदिन का तोहफा दुनिया की किसी लोकतांत्रिक सरकार में कोई नहीं दे सकता।” कांग्रेस विधायकों ने इस कार्रवाई के विरोध में विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया।

क्या है चैतन्य के वकील का दावा

चैतन्य के वकील फैसल रिजवी ने गिरफ्तारी की वैधता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2022 से चल रही जांच में चैतन्य का नाम किसी भी शिकायत में नहीं था और न ही उन्हें पहले समन जारी किया गया। गिरफ्तारी पप्पू बंसल के बयान पर आधारित है, जिसके खिलाफ मई में गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था।

22 तक ED की रिमांड पर

ED ने चैतन्य को 22 जुलाई तक हिरासत में लिया है। एजेंसी का कहना है कि शराब घोटाले में कई बड़े नाम शामिल हैं, जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, अनवर ढेबर, पूर्व IAS अनिल तूतेजा और अन्य शामिल हैं। जांच में यह भी संदेह है कि चैतन्य का महादेव बेटिंग ऐप से संबंध हो सकता है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।