• 21/07/2025

 फिर बड़े सियासी उलटफेर की आहट, ठाकरे-फडणवीस की गुप्त मुलाकातों ने मचाई खलबली; महाराष्ट्र में होने जा रहा है कुछ बड़ा?

 फिर बड़े सियासी उलटफेर की आहट, ठाकरे-फडणवीस की गुप्त मुलाकातों ने मचाई खलबली; महाराष्ट्र में होने जा रहा है कुछ बड़ा?

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर सियासी तूफान के संकेत मिल रहे हैं। शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ हालिया मुलाकातों ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। पहले आदित्य ठाकरे की फडणवीस से मुलाकात, फिर 17 जुलाई 2025 को विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के कार्यालय में उद्धव ठाकरे की 20 मिनट की गुप्त बैठक, और इसके बाद बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स (BKC) के एक होटल में तीनों नेताओं के एक साथ मौजूद होने की खबरों ने अटकलों को जन्म दे दिया है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि यह मुलाकात अचानक नहीं, बल्कि पहले से तय थी। हालांकि, इस गुप्त बैठक में क्या बात हुई, यह सिर्फ उद्धव, आदित्य और फडणवीस ही जानते हैं, क्योंकि दोनों पक्षों ने सुनिश्चित किया कि कोई अन्य बड़ा नेता मौजूद न हो।

मुलाकात की टाइमिंग और सियासी मंशा

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब महायुति सरकार में शामिल शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के नेता शिवसेना (UBT) के लगातार हमलों से परेशान हैं। शिवसेना (UBT) के नेता अंबादास दानवे और अनिल परब ने शिंदे गुट के मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हाल ही में दानवे ने सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसात को उनके बेटे के होटल खरीदने के मामले में निशाना बनाया, जबकि परब ने 18 जुलाई 2025 को गृह राज्य मंत्री योगेश कदम पर कांदिवली में उनकी मां के नाम पर लाइसेंस वाले अवैध डांस बार को लेकर सवाल उठाए। शिंदे गुट को शक है कि सरकारी विभागों के अधिकारी विपक्ष को गोपनीय जानकारी लीक कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में ठाकरे-फडणवीस की मुलाकात ने सवाल खड़े किए हैं कि क्या महाराष्ट्र की सियासत में कोई बड़ा उलटफेर होने वाला है?

हनी ट्रैप की चर्चा…

राज्य में कथित हनी ट्रैप घोटाले की चर्चाएं भी जोरों पर हैं, जिसमें 72 राजनेताओं और अधिकारियों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने विधानसभा में एक पेन ड्राइव दिखाकर इस मामले में बड़ी जानकारी होने का दावा किया, जबकि नेता विपक्ष विजय वडेट्टिवार ने फोटो और वीडियो होने की बात कही। हालांकि, 18 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री फडणवीस ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है। कांग्रेस ने इस मामले में जांच की मांग की है, जिसने सियासी माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है।

बीएमसी चुनाव की तैयारियां और रणनीति

बृह्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनाव की चर्चाएं भी सियासी गतिविधियों को हवा दे रही हैं। मार्च 2022 से प्रशासकीय शासन के तहत चल रही बीएमसी के लिए मॉनसून के बाद चुनाव की अटकलें तेज हैं। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि मॉनसून के तुरंत बाद चुनाव होने की संभावना कम है। निकाय चुनाव दो या तीन चरणों में हो सकते हैं, जिसमें मुंबई, पुणे, ठाणे और नाशिक के लिए अंतिम चरण में मतदान की संभावना है। बीएमसी के 228 वार्डों की सीमा निर्धारण प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, और जल्द ही जनता से सुझाव और आपत्तियां मांगी जाएंगी। शिवसेना (UBT) के लिए बीएमसी पर कब्जा बरकरार रखना महत्वपूर्ण है, और उद्धव ठाकरे ने संकेत दिए हैं कि उनकी पार्टी MVA गठबंधन के बिना अकेले मुंबई में चुनाव लड़ सकती है।

शिंदे गुट की बेचैनी और सियासी समीकरण

ठाकरे-फडणवीस की मुलाकातों ने शिंदे गुट में बेचैनी बढ़ा दी है। 2022 में शिवसेना में टूट के बाद शिंदे और ठाकरे के बीच तल्खी जगजाहिर है। शिंदे गुट को आशंका है कि बीजेपी ठाकरे परिवार के साथ नजदीकी बढ़ाकर उन्हें सियासी रूप से कमजोर करने की कोशिश कर रही है। आदित्य ठाकरे ने हाल ही में शिंदे पर तंज कसते हुए कहा था, “एक व्यक्ति अपने गांव जाएगा,” जिसे शिंदे गुट के लिए चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। दूसरी ओर, बीजेपी मराठी वोट बैंक को मजबूत करने और बीएमसी चुनाव में मजबूत स्थिति हासिल करने के लिए ठाकरे परिवार के साथ गठजोड़ की संभावनाएं तलाश सकती है।

क्या होगा अगला कदम?

ठाकरे-फडणवीस की इन मुलाकातों ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या यह बीएमसी चुनाव से पहले रणनीतिक दबाव की कवायद है? क्या बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच 2019 में टूटे गठबंधन की फिर से शुरुआत हो सकती है? या फिर यह शिंदे गुट को किनारे करने की रणनीति है? MVA गठबंधन के सहयोगी, खासकर कांग्रेस और NCP (शरद पवार), इस घटनाक्रम को सतर्कता से देख रहे हैं। कांग्रेस नेता प्रशांत जगताप ने चेतावनी दी कि बीजेपी के साथ जाना MVA के मतदाताओं के साथ विश्वासघात होगा।

फिलहाल, ठाकरे-फडणवीस की 20 मिनट की गुप्त मुलाकात ने महाराष्ट्र की सियासत में सस्पेंस बढ़ा दिया है। बीएमसी चुनाव, हनी ट्रैप विवाद और शिंदे गुट पर हमलों के बीच यह मुलाकात महज औपचारिक है या बड़े सियासी खेल की शुरुआत, यह आने वाले दिन बताएंगे।