• 18/08/2025

धर्मांतरण पर बुलडोजर एक्शन, सरकारी जमीन पर बने अवैध चर्च को प्रशासन ने गिराया

धर्मांतरण पर बुलडोजर एक्शन, सरकारी जमीन पर बने अवैध चर्च को प्रशासन ने गिराया

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सकरी थाना क्षेत्र के भरनी गांव में आज सोमवार को प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बने एक अवैध चर्च पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया। हिंदूवादी संगठनों की शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई, जिसमें प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण का आरोप लगाया गया था। पुलिस बल की मौजूदगी में हुई इस कार्रवाई के दौरान तनाव का माहौल रहा।

धर्मांतरण के आरोप और हिंदूवादी संगठनों का विरोध

मामला 13 जुलाई 2025 की रात से शुरू हुआ, जब हिंदूवादी संगठन के नेता और कार्यकर्ता राम सिंह ठाकुर के नेतृत्व में भरनी के आवास पारा पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी जमीन पर अवैध रूप से चर्च बनाया गया है और नशा मुक्ति केंद्र की आड़ में धर्मांतरण का खेल चल रहा है। शिकायत में दावा किया गया कि गांव के 40-50 लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया। हिंदूवादी संगठनों ने सकरी थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने तीन युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।

प्रशासन की कार्रवाई और बुलडोजर एक्शन

शिकायत के बाद पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने जांच की, जिसमें पाया गया कि चर्च का निर्माण सरकारी जमीन पर अवैध रूप से किया गया था। सोमवार को प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को ढहा दिया। इस दौरान करीब 5 डिसमिल सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराया गया।

मसीह समाज का दावा: यह चर्च नहीं, घर था

मसीह समाज के लोगों ने कार्रवाई का विरोध करते हुए दावा किया कि ध्वस्त किया गया निर्माण चर्च नहीं, बल्कि उनका घर था। उनका कहना था कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर मकान बनाया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गांव में कई अन्य अवैध निर्माण हैं, लेकिन केवल उनके घर को टारगेट किया गया।

जोंधरा गांव में भी हंगामा और गिरफ्तारी

इससे पहले, रविवार को बिलासपुर के पचपेड़ी क्षेत्र के जोंधरा गांव में भी धर्मांतरण को लेकर हंगामा हुआ। हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया कि प्रलोभन और बीमारी ठीक करने के बहाने लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने पास्टर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया।

पुलिस और प्रशासन की सख्ती

सकरी थाना पुलिस और प्रशासन ने दोनों मामलों में त्वरित कार्रवाई की। हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि प्रार्थना सभाओं के नाम पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।