- 22/08/2025
कांग्रेस को फिर लगने जा रहा है बड़ा झटका? विधानसभा में डिप्टी CM डीके शिवकुमार के RSS प्रार्थना गीत से बढ़ी सियासी हलचल

कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार (22 अगस्त 2025) को एक ऐसा घटनाक्रम सामने आया, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। राज्य के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार ने सदन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का प्रार्थना गीत “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे” गाकर सभी को हैरान कर दिया। यह घटना मॉनसून सत्र के अंतिम दिन हुई, जब चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ पर चर्चा चल रही थी। शिवकुमार का यह कदम पार्टी के भीतर और बाहर सवालों की झड़ी लगा रहा है—क्या यह कांग्रेस आलाकमान को कोई बड़ा संदेश है या महज एक संयोग?
👉🏼 इसे भी पढ़ें: संसद भवन की सुरक्षा में बड़ी चूक, दीवार फांदकर एक शख्स अंदर घुसा, सुरक्षा बलों ने पकड़ा
कभी RSS से जुड़े थे शिवकुमार
हुआ यूं कि विपक्ष के नेता आर अशोक ने शिवकुमार को उनकी आरएसएस पृष्ठभूमि की याद दिलाई, जिसके जवाब में उन्होंने तुरंत प्रार्थना गीत की कुछ पंक्तियां गा दीं। BJP विधायकों ने इसका स्वागत मेज थपथपाकर किया, जबकि कांग्रेस खेमे में सन्नाटा छा गया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इसे पार्टी के भीतर मतभेद का संकेत बताया। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने टिप्पणी की कि राहुल गांधी और गांधी परिवार के करीबी नेता अब परेशानी में हैं।
👉🏼 इसे भी पढ़ें: आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: नसबंदी के बाद छोड़े जाएंगे कुत्ते, बीमार और आक्रामक कुत्तों को ही शेल्टर में रखा जाएगा
संदेश या संयोग?
शिवकुमार ने बाद में सफाई देते हुए कहा, “मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं। एक नेता को अपने विरोधियों और दोस्तों को समझना चाहिए, इसलिए मैंने उनके बारे में अध्ययन किया और यह प्रार्थना याद है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनका मकसद पार्टी को मजबूत करना है, न कि किसी के खिलाफ बगावत। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम गहरे संदेश का हिस्सा हो सकता है। कुछ का कहना है कि यह मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के प्रति उनकी नाराजगी या पार्टी में बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। सोशल मीडिया पर अटकलें भी हैं कि क्या शिवकुमार BJP में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं, हालांकि उन्होंने इन खबरों को खारिज किया है।
👉🏼 इसे भी पढ़ें:
कांग्रेस के लिए चुनौती
कांग्रेस, जो हमेशा RSS की आलोचना करती रही है, उसके एक वरिष्ठ नेता का यह कदम पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है। हाल के वर्षों में पार्टी को कई नेताओं के दलबदल के झटके लगे हैं। अब शिवकुमार का यह कदम आलाकमान के लिए सिरदर्द बन सकता है, खासकर तब जब कर्नाटक में उनकी और सिद्धारमैया के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान पहले से चल रही है। पार्टी नेतृत्व अभी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है, लेकिन आने वाले दिनों में उनकी प्रतिक्रिया इस मुद्दे की दिशा तय करेगी।