• 23/08/2025

ED के बाद CBI Raid: अनिल अंबानी के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी, जानें पूरा मामला

ED के बाद CBI Raid: अनिल अंबानी के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी, जानें पूरा मामला

रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके छह ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से जुड़े 2,000 करोड़ रुपये के कथित बैंक फ्रॉड मामले में की गई है। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई की टीमें सुबह 7 बजे से मुंबई और दिल्ली में अनिल अंबानी से जुड़े ठिकानों पर तलाशी अभियान चला रही हैं। एसबीआई ने 13 जून 2025 को इस खाते को फ्रॉड घोषित किया था और 24 जून 2025 को इसकी जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को दी थी।

इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी अनिल अंबानी से जुड़े 17,000 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले के सिलसिले में पूछताछ की थी। ईडी ने नई दिल्ली में अपने मुख्यालय में अनिल अंबानी से कई घंटे तक सवाल-जवाब किए, जिसमें लोन के शेल कंपनियों को हस्तांतरण, राजनीतिक दलों को धनराशि देने, और बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने जैसे गंभीर सवाल शामिल थे। अनिल अंबानी ने कई सवालों के जवाब में दस्तावेज सत्यापित करने के लिए समय मांगा और उन्हें एक सप्ताह बाद दोबारा पेश होने को कहा गया।

पिछले महीने, ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक अन्य मामले में दिल्ली और मुंबई में अनिल अंबानी से जुड़े 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 50 कंपनियों की जांच की गई और 25 व्यक्तियों से पूछताछ की गई। ईडी की जांच में बैंकों, शेयरधारकों, और निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की एक “सुनियोजित योजना” का खुलासा हुआ। जांच में पाया गया कि 2017-2019 के बीच, यस बैंक ने रिलायंस अनिल धीरुभाई अंबानी समूह (RAAGA) की कंपनियों को लगभग 3,000 करोड़ रुपये का लोन दिया था। ईडी का दावा है कि लोन स्वीकृति से पहले यस बैंक के प्रमोटरों ने अपनी निजी कंपनियों को भुगतान प्राप्त किया, जो एक संदिग्ध “रिश्वत-के-बदले-लोन” व्यवस्था की ओर इशारा करता है।

CBI की मौजूदा छापेमारी में दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की जांच की जा रही है। जांच एजेंसियां रिलायंस समूह की कंपनियों द्वारा लोन के दुरुपयोग, शेल कंपनियों के जरिए धन हस्तांतरण, और संभावित मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं पर गहन जांच कर रही हैं। इस मामले में रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और अन्य सहायक कंपनियों के लोन पोर्टफोलियो में अनियमितताएं भी जांच के दायरे में हैं।

अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों पर पहले भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं, और यह ताजा कार्रवाई उनके कारोबारी साम्राज्य पर बढ़ते दबाव को दर्शाती है। सीबीआई और ईडी की संयुक्त जांच से इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है।