- 26/08/2025
AAP के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के घर सहित 13 ठिकानों पर ED का छापा, इस घोटाले के मामले में कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के घर सहित 13 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई ₹5,590 करोड़ की अस्पताल निर्माण परियोजनाओं में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की गई। छापेमारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 की धारा 17 के तहत की गई, जिसमें निजी ठेकेदारों के कार्यालयों और आवासों को भी निशाना बनाया गया ताकि धन के दुरुपयोग और हेराफेरी के सबूत जुटाए जा सकें।
यह जांच दिल्ली पुलिस की एंटी-करप्शन ब्रांच (ACB) द्वारा 26 जून 2025 को दर्ज FIR (नंबर 37/2025) से शुरू हुई, जो तत्कालीन विपक्षी नेता विजेंद्र गुप्ता की 22 अगस्त 2024 को दर्ज शिकायत पर आधारित थी। गुप्ता ने सौरभ भारद्वाज और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और ठेकेदारों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था। शिकायत में AAP सरकार द्वारा 2018-19 में स्वीकृत 24 अस्पताल परियोजनाओं (11 ग्रीनफील्ड और 13 ब्राउनफील्ड) में देरी, लागत में अनुचित वृद्धि और धन की हेराफेरी का दावा किया गया। दिल्ली विजिलेंस विभाग की जांच के बाद, उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर ACB ने मामला दर्ज किया और जुलाई 2025 में इसे ED को हस्तांतरित कर दिया।
ACB के अनुसार, इन परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। उदाहरण के लिए, सितंबर 2021 में 6,800 बिस्तरों की क्षमता वाले सात ICU अस्पतालों के निर्माण के लिए ₹1,125 करोड़ की मंजूरी दी गई थी, जो 6 महीने में पूरा होना था। तीन साल बाद भी केवल 50% काम पूरा हुआ, जिसमें ₹800 करोड़ खर्च हुए। लोकनायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल के नए ब्लॉक के लिए ₹465.52 करोड़ स्वीकृत किए गए थे, लेकिन चार साल में ₹1,125 करोड़ खर्च हुए, जो मूल लागत का लगभग तीन गुना है। इसी तरह, 94 पॉलीक्लिनिक्स के लिए ₹168.52 करोड़ की मंजूरी दी गई थी, लेकिन 52 पॉलीक्लिनिक्स के निर्माण पर ₹220 करोड़ खर्च हुए।
मोदी की डिग्री से ध्यान भटकाने की साजिश- आप नेता
AAP ने इन छापेमारियों को राजनीति से प्रेरित और “फर्जी” करार दिया। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर लिखा, “सौरभ भारद्वाज के घर ED की रेड दिखाती है कि मोदी सरकार AAP की आवाज दबाना चाहती है। हम BJP से डरते नहीं, देश हित में डटकर मुकाबला करेंगे।” AAP नेता आतिशी ने दावा किया कि यह कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर चल रही चर्चा से ध्यान भटकाने के लिए की गई। उन्होंने कहा, “यह रेड 100% फर्जी है। यह मामला उस समय का है जब सौरभ मंत्री भी नहीं थे, वे दो साल बाद मंत्री बने। यह ऐसा है जैसे 2G या कोलगेट घोटाले के लिए मोदी जी के घर रेड पड़ जाए।” AAP सांसद संजय सिंह ने भी इसे “ध्यान भटकाने” की साजिश बताया, और कहा कि सत्येंद्र जैन को भी तीन साल जेल में रखा गया, लेकिन कोई सबूत नहीं मिला।
वहीं, दिल्ली BJP अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने AAP को “भ्रष्ट पार्टी” करार देते हुए कहा, “हम शुरू से कह रहे हैं कि AAP ने दिल्ली में 11 साल तक विकास रोका। अब ये दूसरे राज्यों में जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।”
ED ने अभी तक छापेमारी में जब्त संपत्तियों या वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा नहीं किया है। यह सौरभ भारद्वाज के खिलाफ पहली भ्रष्टाचार जांच है, जो ग्रेटर कैलाश से तीन बार विधायक रहे हैं और स्वास्थ्य, शहरी विकास, जल मंत्रालय और दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं। इस कार्रवाई ने AAP और BJP के बीच राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है, जिसमें AAP इसे केंद्र सरकार की “प्रतिशोधात्मक कार्रवाई” बता रही है, जबकि BJP इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ जवाबदेही की कार्रवाई करार दे रही है।