• 27/08/2025

कभी कुत्तों का झूठा भोजन, कभी खाने में… 426 स्कूली बच्चों के खाने में फिनाइल, नाराज हाईकोर्ट ने दिया मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

कभी कुत्तों का झूठा भोजन, कभी खाने में… 426 स्कूली बच्चों के खाने में फिनाइल, नाराज हाईकोर्ट ने दिया मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सुकमा जिले में 426 स्कूली बच्चों के खाने में फिनाइल मिलने की घटना पर सख्त टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने कहा, “स्कूलों में क्या हो रहा है? कभी कुत्ते का जूठा भोजन परोसा जाता है और अब बच्चों के खाने में फिनाइल मिलाया गया।” कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर इस घटना से कोई हताहत होता, तो बच्चों को संभालना मुश्किल हो जाता। मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं, और मुख्य सचिव को निगरानी करने को कहा गया है।

क्या है पूरा मामला

घटना 21 अगस्त की रात सुकमा जिले के छिंदगढ़ के पाकेला आवासीय पोटा केबिन में हुई, जहां 426 बच्चों के लिए बनी बींस की सब्जी में कथित रूप से फिनाइल मिला दी गई। एक कर्मचारी ने सब्जी चखी, तो फिनाइल का स्वाद और तेज गंध ने उसे चौंका दिया। कड़ाही में रखी सब्जी की जांच के बाद फिनाइल की मौजूदगी पुष्टि हुई। घटना की सूचना अधीक्षक दूजलाल पटेल और अधिकारियों को दी गई, जिसके बाद सब्जी को परोसे बिना नष्ट कर दिया गया।

हाईकोर्ट का स्वत: संज्ञान

हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर इस गंभीर घटना पर स्वत: संज्ञान लिया और इसे जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की। चीफ जस्टिस ने सरकारी स्कूलों में बढ़ती लापरवाही पर हैरानी जताई और पूछा, “आखिर इस घटना का जिम्मेदार कौन है?” कोर्ट ने सुकमा कलेक्टर को मजिस्ट्रेट से जांच कराने और रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।

हाईकोर्ट की अन्य सुनवाई

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट हाल के दिनों में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी समस्याओं पर लगातार सुनवाई कर रहा है। इससे पहले सड़कों की बदहाली पर भी कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई थी, जो राज्य में बुनियादी सुविधाओं की खराब स्थिति को उजागर करता है।

यह घटना स्कूली बच्चों की सुरक्षा और खानपान की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है, और हाईकोर्ट की सख्ती से अब जांच और कार्रवाई की उम्मीद बढ़ गई है।