• 11/10/2025

ED का अनिल अंबानी ग्रुप पर शिकंजा, रिलायंस पावर के सीएफओ गिरफ्तार; जानें पूरा मामला

ED का अनिल अंबानी ग्रुप पर शिकंजा, रिलायंस पावर के सीएफओ गिरफ्तार; जानें पूरा मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस पावर लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) अशोक कुमार पाल को फर्जी बैंक गारंटी और फंड डायवर्जन के मामले में गिरफ्तार किया है। पाल को अनिल अंबानी का करीबी सहयोगी माना जाता है। ईडी ने दिल्ली कार्यालय में पाल से लंबी पूछताछ के बाद यह कार्रवाई की।

फर्जी बैंक गारंटी और धोखाधड़ी के आरोप

ईडी के अनुसार, पाल ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को ₹68 करोड़ से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी जमा की। जांच एजेंसी का कहना है कि इस घोटाले में फर्जी चालानों के जरिए फंड डायवर्जन किया गया। फर्जी ईमेल डोमेन और जाली दस्तावेजों का उपयोग कर एसबीआई, इंडियन बैंक, पीएनबी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया जैसे प्रमुख बैंकों के दस्तावेजों की नकल की गई, ताकि इन्हें असली दिखाया जा सके।

आरोप है कि पाल ने अनिल अंबानी के एक सहयोगी के साथ मिलकर इस फर्जी गारंटी को अंजाम दिया। इस मामले में बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड (BTPL) को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया, जिसका कोई विश्वसनीय ट्रैक रिकॉर्ड नहीं था। ईडी के मुताबिक, यह बैंकिंग सिस्टम के दुरुपयोग का सुनियोजित प्रयास था, जिसका मकसद सरकारी परियोजना के धन को निजी लाभ के लिए हड़पना था। BTPL के निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं।

₹17,000 करोड़ के बैंक फ्रॉड की जांच

ईडी अनिल अंबानी समूह की कंपनियों पर ₹17,000 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी के मामले में जांच कर रही है। यह मामला यस बैंक और एडीए समूह की कई कंपनियों से जुड़ा हुआ है। अगस्त में ईडी ने अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए तलब किया था और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत मुंबई में 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों के नाम सामने आए।

जांच में और खुलासे की उम्मीद

ईडी की यह कार्रवाई रिलायंस पावर और अनिल अंबानी समूह के खिलाफ चल रही व्यापक जांच का हिस्सा है। जांच एजेंसी अब इस मामले में और गहराई से पड़ताल कर रही है ताकि फर्जीवाड़े के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके। पाल की गिरफ्तारी से इस हाई-प्रोफाइल मामले में नए तथ्य सामने आने की संभावना है।

रिलायंस पावर की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।