- 13/10/2025
Big Breaking: IRCTC घोटाले में लालू परिवार की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने तय किए आरोप

बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनकी फैमिली की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने IRCTC घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। अब इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलेगा।
किन धाराओं में तय हुए आरोप?
कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120B (आपराधिक साजिश) के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट) की धारा 13(2) और 13(1)(d) के तहत आरोप तय किए हैं। विशेष रूप से, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) और 13(1)(d) केवल लालू प्रसाद यादव पर लागू की गई हैं, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर सरकारी पद पर रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया।
लालू फैमिली ने ठुकराया अपराध स्वीकार करना
कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब जज ने लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से पूछा कि क्या वे अपना अपराध स्वीकार करते हैं, तो सभी ने इससे इनकार कर दिया। लालू फैमिली ने कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे। राबड़ी देवी ने कोर्ट में इस मामले को “गलत केस” करार दिया।
कोर्ट का फैसला: लालू फैमिली को हुआ फायदा
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस घोटाले की साजिश लालू यादव की जानकारी में रची गई थी। कोर्ट ने माना कि इस मामले में व्यापक आपराधिक साजिश थी, जिसमें लालू फैमिली को फायदा पहुंचा। कोर्ट के अनुसार, कॉन्ट्रैक्ट देने के बदले राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को बेहद कम कीमत पर जमीन दी गई। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि इस स्तर पर “quid pro quo” (लेन-देन) का आरोप स्पष्ट रूप से नजर नहीं आ रहा है।
व्हीलचेयर पर कोर्ट पहुंचे लालू
लालू प्रसाद यादव स्वास्थ्य कारणों से व्हीलचेयर पर कोर्ट में पेश हुए। उनके साथ राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य आरोपी प्रेमचंद गुप्ता भी मौजूद थे। लालू और तेजस्वी रविवार (12 अक्टूबर) को ही दिल्ली पहुंचे थे और वे मीसा भारती के पंडारा पार्क स्थित आवास पर ठहरे हुए हैं।
CBI के आरोप क्या हैं?
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि 2004 से 2014 के बीच एक सुनियोजित साजिश के तहत भारतीय रेलवे के पुरी और रांची स्थित BNR होटलों को पहले IRCTC को हस्तांतरित किया गया। इसके बाद इन होटलों के संचालन और रखरखाव का ठेका बिहार की सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया गया। CBI ने आरोप लगाया कि निविदा प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई, साथ ही सुजाता होटल्स की मदद के लिए निविदा की शर्तों में भी बदलाव किया गया। चार्जशीट में IRCTC के तत्कालीन महाप्रबंधक वीके अस्थाना और आरके गोयल, सुजाता होटल्स के डायरेक्टर, और चाणक्य होटल के मालिक विजय कोचर व विनय कोचर का भी नाम शामिल है।
बिहार के सियासी माहौल पर असर
यह मामला बिहार के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सामने आया है, जिससे सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है। लालू प्रसाद यादव और उनकी पार्टी RJD इस मामले को राजनीतिक साजिश करार दे रही है, जबकि विपक्षी दल इसे भ्रष्टाचार का बड़ा मामला बता रहे हैं। अब सभी की नजर इस बात पर है कि कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कैसे आगे बढ़ती है और इसका बिहार की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।