- 05/03/2024
Maoist Link Case: पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा सहित सभी 6 बरी, हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा की रद्द
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माओवादियों से कथित संबंध के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा सहित 5 अन्य को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने बरी कर दिया है। जीएन साईबाबा और 5 अन्य लोगों को साल 2014 में माओवादी गुटों से जुड़े होने और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
गढ़चिरौली कोर्ट ने साईबाबा और अन्य आरोपियों को मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके बाद से सभी आरोपी जेल में बंद हैं। इनमें से एक आरोपी पांडु नरोटे की मौत हो गई है।
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने जीएन साईबाबा के साथ जिन आरोपियों को बरी किया है, उनमें महेश तिर्की, विजय तिर्की, हेम मिश्रा, नारायण सांगलीकर, प्रशांत राही और पांडु नरोटे का नाम शामिल है।
साईबाबा 90 फीसदी से ज्यादा शारीरिक रुप से अक्षम हैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के राम लाल आनंद कॉलेज में प्रोफेसर थे। जेएनयू के छात्र हेम मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने साईबाबा को गिरफ्तार किया था। हेम मिश्रा ने मामले की जांच कर एजेंसियों के सामने दावा किया था कि वह छत्तीसगढ़ के अबुझमाड़ के जंगल में छिपे नक्सलियों और प्रोफेसर के बीच एक कूरियर का काम कर रहा था। जिसके बाद मई 2014 में पुलिस ने साईबाबा को गिरफ्तार किया था।