- 19/10/2025
Rape का प्रयास? डायग्नोस्टिक सेंटर में डॉक्टर की करतूत.. प्रेग्नेंट महिला के अंडरगारमेंट में डाला हाथ, अपना प्रायवेट पार्ट निकाला और…

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में एक शर्मनाक घटना ने मेडिकल पेशे की गरिमा को तार-तार कर दिया है। नेहरू नगर स्थित इमेज डायग्नोस्टिक सेंटर में 9 महीने की गर्भवती शिक्षिका के साथ अल्ट्रासाउंड जांच के दौरान छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। पीड़िता ने आरोपी डॉक्टर गिरीश वर्मा पर अंडरगारमेंट में हाथ डालने और गुप्तांग टच कराने की कोशिश करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। सूत्रों के मुताबिक यह डायग्नोस्टिक सेंटर एक कांग्रेस नेता का है। पीड़ित महिला और उसके परिवार को एफआईआर दर्ज कराने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ा, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया।
क्या है पूरा मामला?
घटना 16 अक्टूबर 2025 की रात करीब 8 बजे की है। भिलाई के सेक्टर-7 की रहने वाली गर्भवती शिक्षिका अपने देवर और सास के साथ रूटीन अल्ट्रासाउंड जांच के लिए नेहरू नगर चौक के पास चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिटल के पीछे स्थित इमेज डायग्नोस्टिक सेंटर पहुंची थीं। पीड़िता के अनुसार, डॉक्टर गिरीश वर्मा ने उन्हें अल्ट्रासाउंड के लिए अपने चेंबर में बुलाया। शुरू में चेंबर में एक नर्स मौजूद थी, लेकिन कुछ ही देर बाद वह कमरे से बाहर चली गई।
महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया, “जांच के दौरान डॉक्टर ने बुरी नीयत से मेरे अंडरगारमेंट में हाथ डाला। इसके बाद उसने अपनी पैंट की जिप खोलकर मेरा हाथ पकड़ा और अपने गुप्तांग को टच कराने की कोशिश की।” डर और सदमे में आई पीड़िता ने तुरंत जांच रुकवाकर कमरे से बाहर निकल गई और अपने देवर से घर चलने को कहा। घर पहुंचकर उसने अपने पति, सास और देवर को डॉक्टर की घिनौनी हरकत की पूरी जानकारी दी। परिवार ने बिना देरी किए सुपेला थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की कार्रवाई
सुपेला थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए डॉक्टर गिरीश वर्मा के खिलाफ छेड़छाड़ और अश्लील हरकत से संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज की है। दुर्ग पुलिस की प्रवक्ता एएसपी पद्मश्री तंवर ने बताया, “महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। डायग्नोस्टिक सेंटर के सीसीटीवी फुटेज जब्त किए गए हैं और उनकी जांच की जा रही है। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं।” पुलिस ने बताया कि डॉक्टर घटना के बाद से फरार है और उसका मोबाइल भी बंद है।
सुरक्षा पर सवाल
यह घटना मेडिकल संस्थानों में महिला मरीजों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जांच कक्ष में महिला स्टाफ की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित न होने से ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। पीड़िता ने बताया कि वह मानसिक रूप से आहत हैं और उन्हें न्याय चाहिए। परिवार ने डॉक्टर की तत्काल गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की है।