• 09/04/2025

EOW की राडार में कई बड़े अधिकारी, 11 जिलों में होगी भारत माला प्रोजेक्ट घोटाले की जांच

EOW की राडार में कई बड़े अधिकारी, 11 जिलों में होगी भारत माला प्रोजेक्ट घोटाले की जांच

भारत माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे में हुए घोटाले के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। घोटाले की जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। जिन 11 जिलों से भारत माला प्रोजेक्ट गुजरा है अब उन जिलों में भी मुआवजे और अधिग्रहण को लेकर जांच की जाएगी। राज्य की आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) भी इस पूरे मामले की जांच कर रही है।

राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत ने सभी संभाग आयुक्तों को पत्र लिखकर जांच करने के लिए कहा था और 15 दिन के ईतर इसकी रिपोर्ट मांगी है। जिन जिलों से भारत माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे की जांच की जाएगी उनमें रायपुर, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर और जांजगीर-चांपा जिला शामिल है।

रायपुर जिले में जांच के बाद प्रदेश के 11 जिलों में भू-अर्जन प्रक्रिया की जांच में अधिकारियों द्वारा फर्जी नामांतरण, बंटवारा और अधिक मुआवजा बांटने की बात सामने आई। मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्व विभाग ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है।

12 मार्च को साय कैबिनेट की बैठक में भारत माला प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की जांच EOW को सौंपने का फैसला लिया गया था। मामले में EOW ने अपनी जांच शुरू कर दी है। अब कई अधिकारियों पर जांच एजेंसी शिकंजा कसने की तैयारी में है।

क्या है पूरा मामला?

भारत माला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक तकरीबन 463 किमी लंबी नई फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। नवा रायपुर में किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया। इसके मुआवजे में घोटाला निकल कर सामने आया।

धमतरी के रहने वाले कृष्ण कुमार साहू और हेमंत देवांगन ने 8 अगस्त 2022 को छत्तीसगढ़ के अवर सचिव के पास शिकायत की थी, जिसमें कहा गया था कि जमीन का मुआवजा बांटने में अधिकारियों ने बंदरबांट किया है। अधिकारियों ने जमीन का खसरा बदल दिया। पूर्व खसरे पर मुआवजा राशि का भुगतान दिख रहा है।

एसडीएम, नायब तहसीलदार और पटवारी से इसकी शिकायत की गई। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इन अफसरों ने दस्तावेजों में हेर-फेर कर भू-माफियाओं की मदद से शासन के पैसों का दुरुपयोग किया है।

अधिग्रहण नियमों के अनुसार, गांवों में 500 वर्गमीटर से कम जमीन है तो उसका मुआवजा ज्यादा मिलता है। जमीन 500 वर्गमीटर से ज्यादा है तो पैसा कम मिलता है।