- 07/11/2022
डॉक्टरों के लिए बॉन्ड पॉलिसी होगी खत्म, दिशा-निर्देशों पर स्वास्थ्य मंत्रालय कर रहा काम
डॉक्टरों की बॉन्ड पॉलिसी को खत्म होने जा रही है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय दिशा निर्देशों को अंतिम रुप देने की ओर कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने बॉन्ड पॉलिसी खत्म करने की सिफारिश की थी। जिसके आधार पर दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं।
बॉन्ड पॉलिसी की मुताबिक मेडिकल की स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री पूरी करने के बाद डॉक्टरों को एक तय अवधि के लिए राज्य के अस्पतालों में सेवा देना आवश्यक है। ऐसा नहीं करने पर उन्हें राज्य या मेडिकल कॉलेज द्वारा तय अर्थदंड का भुगतान करना पड़ता है।
अगस्त 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों की बॉन्ड पॉलिसी को बरकरार रखा था और कहा था कि कुछ सरकारे कठोर शर्तें लगाती हैं। कोर्ट ने सुझाव दिया कि केन्द्र और केंद्र और तत्कालीन भारतीय चिकित्सा परिषद को सरकारी संस्थानों में प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा प्रदान की जाने वाली अनिवार्य सेवा के संबंध में एक समान नीति तैयार करनी चाहिए जो सभी राज्यों में लागू होगी।
सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने साल 2019 में डॉयरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस के प्रधान सलाहकार डॉ बीडी अथानी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति ने मई 2020 में अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए इसे राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को भेज दिया था।
NMC ने रिपोर्ट पर अपनी टिप्पणियों में कहा था कि राज्यों द्वारा बॉन्ड नीति की घोषणा के बाद से चिकित्सा क्षेत्र में बहुत कुछ बदल गया है। इसलिए राज्यों द्वारा इस नीति की खूबियों की और उनकी प्रभावशीलता की समीक्षा करना उचित हो सकता है।