• 06/11/2022

छत्तीसगढ़ में बच्चे मोबाइल से बिगड़ रहे, बाल आयोग की अध्यक्ष बोलीं – गलत चीज देखते हैं

छत्तीसगढ़ में बच्चे मोबाइल से बिगड़ रहे, बाल आयोग की अध्यक्ष बोलीं – गलत चीज देखते हैं

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छत्तीसगढ़ में मोबाइल से बच्चे बिगड़ रहे हैं। बच्चे मोबाइल में गलत चीजें देखते हैं। इस वजह से पढ़ाई नहीं करते। मोबाइल के इस्तेमाल से बच्चों को बचाना चाहिए, इससे उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ये कहना है छत्तीसगढ़ बाल आयोग की अध्यक्ष तेज कुवर का।

दरअसल राजधानी रायपुर के एक होटल में राज्य बाल संरक्षण आयोग द्वारा बाल अधिकारों, पॉक्सो एक्ट जैसे विषयों पर कार्यशाला रखी गई थी। जिसमें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष गौतम भादुड़ी, यूनिसेफ के राज्य प्रमुख जॉब जकारिया, आईजी डॉ. संजीव शुक्ला और महिला एवं बाल विकास विभाग के विशेष सचिव पोषण चंद्राकर भी उपस्थित थे।

इस दौरान तेज कुंवर ने कहा कि मोबाइल के इस्तेमाल से बच्चों पर नकारात्मक असर पड़ता है। उन्हें मोबाइल के इस्तेमाल से बचाना चाहिए, क्योंकि मोबाइल फोन के ज़रिए बच्चों तक कई ऐसी जानकारी या कंटेंट पहुंचता है, जो उनके लिए सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई से ज्यादा बेहतर विकल्प रेगुलर पढ़ाई है।

वहीं हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस गौतम भादुड़ी ने कहा कि रकार द्वारा कानून बनाए गए है लेकिन उसका लाभ भी लोगों तक पहुंचना चाहिए। पहले नैतिक कहानियों की प्रेरक पुस्तकें बच्चों के हाथ मेें होती थी। अब उसका स्थान मोबाइल ने ले लिया। मोबाइल के दुष्प्रभाव को रोकना होगा। इससे बचपन खत्म हो रहा है। उन्होंने न्यायाधीशों और संबंधित अधिकारियों से कहा लोगोें की समस्या के निराकरण के लिए आगे बढ़े और नए रास्ते तैयार करें।

जॉब जकारिया ने कहा कि बच्चों का अधिकार सुरक्षित करना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। इसके लिए व्यवहार और सोच मेें परिवर्तन का होना जरूरी है। बच्चों का अधिकार संरक्षण करने के लिए बड़ा निवेश होना चाहिए।