- 18/12/2024
छत्तीसगढ़ बनेगा अलौकिक शक्ति और ध्यान साधना का प्रमुख केंद्र, यहां बन रहा 64 योगिनी मंंदिर.. नहींं होगी दान पेटी
छत्तीसगढ़ का बालोद जिला अधायत्म का नया केंद्र बनने जा रहा है। यहांं 64 योगिनी का एक बड़ा मंंदिर बनाया जा रहा है। जिसके बाद अलौकिक शक्ति और ध्यान साधना के लिए देश भर के साधकों का यहां जमावड़ा लगने लगेगा। यह देश का संभवतया पहला ऐसा मंंदिर होगा जहांं दान पेटी नहींं होगी।
बालोद जिला मुख्यालय से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर दुर्ग रोड पर लिमोरा गांव में इस मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। ख्याति प्राप्त नाड़ी वैद्य, आध्यात्मिक गुरु और समाज सेवी बिरेंद्र देशमुख द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। 45 डिस्मिल क्षेत्र में हो रहे मंदिर के निर्माण में तकरीबन 2 से 3 करोड़ का खर्चा आने की संभावना है।
मंदिर में कामधेनू और काली माता की भी मूर्ति होगी। काली मां की मूर्ति ब्लैक ग्रेनाइट और कामधेनू की मूर्ति मकराना के मार्बल से बनाई जा रही है। वहींं 64 योगिनी की 64 मूर्तियां ब्लैक स्टोन से बनवाई जा रही है।
मंदिर में नहींं होगी दान पेटी
दान पेटी के बगैर किसी मंंदिर की कल्पना नहींं की जा सकती। दान पेटी में आने वाले दान और चढ़ावा की राशि से पूजा-पाठ और मंदिरों का रख-रखाव किया जाता है। लेकिन लिमोरा गांंव में बन रहे इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंंदिर में कोई भी दान पेटी नहींं होगी। मंदिर का संंचालन मोक्ष सेवा धाम संस्थान द्वारा किया जाएगा।
365 दिन निशुल्क भंडारा
इस मंदिर में साल के सभी 365 दिन भंडारा होगा। यहां भंडारा में श्रद्धालु भोजन प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं, वो भी निशुल्क। गुरुदेव बिरेंद्र देशमुख का कहना है कि मंदिर में दान पेटी नहींं रखी जाएगी, जो भी श्रद्धालु दान की इच्छा रखते हैं वो भंंडारे में अपना सहयोग प्रदान कर सकते हैं।
64 गांवों में मांंग रहे भिक्षा
मंदिर निर्माण से पहले गुरुदेव बिरेंद्र देशमुख 64 गांव में पैदल यात्रा कर भिक्षाटन कर रहे हैं। प्रत्येक दिन वे 1 गांव में जाते हैं और प्रत्येक घर से भिक्षा मांंग रहे हैं। गुरुदेव बिरेंद्र देशमुख का कहना है कि इसके पीछे लोगों को सनातन और अध्यात्म से जोड़ना है। उनका कहना है कि 64 गांव में प्रत्येक घर से हमको एक-एक मुट्ठी भिक्षा मिलता है तो सभी का पुण्य हमारे मंदिर के पास स्थापित हो जाएगा। भिक्षा में हमारी कोई डिमांंड नहीं है, हमको जो भी दे दें.. जिनके घर में कुछ भी नहींं है वो एक मुट्ठी मिट्टी भी हमें भिक्षा के रूप में दे दें।
भारत में केवल 4 मंदिर ही हैं
आपको बता दें भारत में चार स्थानों पर 64 योगिनी मंदिर है। जिसमें ओडिशा में दो मंंदिर और मध्य प्रदेश में दो मंंदिर है। मान्यता है कि मां काली का चौसठ योगिनी माता अवतार हैं। घोर नाम के राक्षस के साथ युद्ध लड़ते हुए माता आदिशक्ति काली ने इस रुप को धारण किया था।