• 06/10/2022

CM भूपेश बघेल ने किया छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का शुभारंभ, बच्चों से लेकर बुजुर्ग पारंपरिक खेलों में दिखाएंगे हुनर

CM भूपेश बघेल ने किया छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का शुभारंभ, बच्चों से लेकर बुजुर्ग पारंपरिक खेलों में दिखाएंगे हुनर

Follow us on Google News

तीज त्यौहार, लोक संस्कृति, लोक कला को बढ़ावा देने के बाद अब छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को भी वैश्विक पहचान दिलाने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत हो चुकी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सरदार बलवीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में इसकी शुरूआत की.

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति व सभ्यता और विशिष्ट पहचान यहां की ग्रामीण परंपराओं और रीति रीवाजों से है. इसमें पारंपरिक खेलों का विशेष महत्व है. पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ के इन खेलों को लोग भूलते जा रहे थे. खेलों को चिरस्थायी रखने, आने वाली पीढ़ी से इनको अवगत कराने के लिए छत्तीसगढ़ियां ओलंपिक खेलों की शुरूआत की गई है. छत्तीसगढ़ के ये खेल मनोरंजक होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं.

भूपेश बघेल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इन खेलों से बच्चे, बुजुर्ग व युवा सभी व्यायाम आदि शारीरिक गतिविधियों से जुड़ते हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए खेलकूद को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों से राज्य के हर गांव, हर ब्लाक तथा हर जिले में स्थानीय खेलों का आयोजन होगा. इस मौके पर मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों की जानकारी देने वाले ब्रोशर का भी विमोचन किया.

वही छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के शुभारंभ अवसर पर खेल मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि ये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच है कि छत्तीसगढ़िया संस्कृति को आगे बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रयास अभी तक किसी ने नहीं किया. पहली बार यह प्रयास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ी भाषा, खानपान, लोक कला, संस्कृति, खेलकूद को बढ़ावा देने और उसे छत्तीसगढ़ के बाहर भी पहचान दिलाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है. खेल मंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयास सफल भी होते दिख रहे हैं. बोरे बासी खाने के अभियान को देश विदेश में पहचान मिली है. अब छत्तीसगढ़िया खेल भी अपनी अलग पहचान बनाएंगे.