• 25/09/2022

मुख्यमंत्री का गृह जिला बना भ्रष्टाचार का गढ़, यहां चल रहा रिश्वतखोरी का खुला खेल, VIDEO वायरल

मुख्यमंत्री का गृह जिला बना भ्रष्टाचार का गढ़, यहां चल रहा रिश्वतखोरी का खुला खेल, VIDEO वायरल

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला अब अपराध और भ्रष्टाचार का गढ़ बनता जा रहा है. चाहे वह महिलाओं के साथ अपराध का मामला हो या फिर सरकारी काम में रिश्वतखोरी का. ऐसा ही एक बार फिर भ्रष्टाचार का मामला मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर से आया है.

यहां जिला अस्पताल में जिला प्रशासन की नाक के नीचे जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र के नाम पर रिश्वत का खुला खेल चल रहा है. जिला अस्पताल में जन्म प्रमाण पत्र के नाम पर तीन-तीन सौ रुपए वसूले जा रहे हैं. आलम यह है कि अगर कोई हितग्राही प्रमाण पत्र बनाने वाले कर्मचारी को पैसे ना दे तो उससे कई दिनों तक अस्पताल के चक्कर लगवाए जाते हैं.

दरअसल, इछावर बृजिश नगर निवासी गणेश मेवाडा अपनी बेटी के जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कई दिनों से जिला अस्पताल सीहोर में चक्कर काट रहे थे, लेकिन हर बार गणेश को किसी कागज की कमी का हवाला देकर बिना जन्म प्रमाण पत्र के ही अपने घर लौटा दिया जाता था. फिर गणेश को अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए यहां पैसे लगते हैं.

वहीं गणेश और प्रमाण पत्र बनाने वाले कर्मचारी से 300 रुपए में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए डील हो गई. जो जन्म प्रमाण पत्र गणेश को 20 दिन में भी नहीं मिल पाया था, वह 300 रुपए देकर मात्र आधे घंटे में मिल गया. पैसे के लेनदेन का वीडियो गणेश ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया. वीडियो में आप साफ-साफ देख सकते हैं कि किस तरीके से जन्म प्रमाण पत्र के नाम से खुलेआम रिश्वत ली जा रही है.

मामला अस्पताल के सिविल सर्जन प्रवीर गुप्ता के सामने आया तो इस मामले पर सिविल सर्जन ने अपना पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने कहा कि यह पैसे लेने वाले कर्मचारी प्राइवेट कंपनी विजन की ओर से रखे गए हैं, इन पर शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि बीते दिनों से कई बार शहरवासियों ने ज्ञापन के द्वारा जिला अस्पताल की अवस्थाओं से कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अवगत भी कराया, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा अस्पताल के मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए यह रिश्वत का खेल कई दिनों से जारी था, जिसकी भनक जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को नहीं लगना भी कई प्रकार के सवालों को खड़ा करती है.

गौरतलब है कि बीते रोज जावर तहसील के एक पटवारी का भी किसान से रिश्वत लेने का मामला सामने आया था. ग्राम फूडरा के किसान से रिकॉर्ड दुरुस्त करने के नाम पर रिश्वत ले रहा था. तभी किसान ने वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया. जिसके बाद एसडीएम को निलंबित कर दिया था.

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