- 17/08/2025
कुख्यात तोमर बंधुओं पर शिकंजा, कुर्क होगी संपत्ति, कोर्ट ने दी मंजूरी, 18 अगस्त तक पेश होने अल्टीमेटम

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कुख्यात सूदखोर और हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं, वीरेंद्र और रोहित तोमर, के खिलाफ रायपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। रायपुर सेशन कोर्ट ने पुलिस की संपत्ति कुर्की की याचिका को स्वीकार कर लिया है और रायपुर कलेक्टर को चार संपत्तियों की कुर्की के लिए प्रतिवेदन भेजा है। कोर्ट ने दोनों भाइयों को 18 अगस्त 2025 तक पेश होने का अंतिम अल्टीमेटम दिया है। यदि वे निर्धारित तारीख तक कोर्ट में हाजिर नहीं होते, तो उनकी संपत्तियों को कुर्क कर लिया जाएगा।
दो महीने से फरार, 5-5 हजार का इनाम घोषित
पुलिस के मुताबिक, तोमर बंधु पिछले दो महीनों से फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई बार छापेमारी की, लेकिन दोनों भाई पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में उद्घोषणा की प्रक्रिया शुरू की, जिसकी अंतिम तारीख 18 अगस्त तय की गई है। दोनों आरोपियों पर 5,000-5,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया है। सूदखोरी के मामलों में उनकी पत्नियों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
सूदखोरी और अवैध हथियारों का जाल
तोमर बंधुओं पर लंबे समय से सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, मारपीट और रंगदारी जैसे गंभीर अपराधों के कई मामले दर्ज हैं। पुरानी बस्ती थाने में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 308(2), 111(1) और छत्तीसगढ़ ऋणियों संरक्षण अधिनियम की धारा 04 के तहत केस दर्ज हैं। पुलिस ने उनके ठिकानों की तलाशी के दौरान एक रिवॉल्वर, एक पिस्टल, पांच तलवारें, जिंदा और आवाजी कारतूस सहित अवैध हथियार बरामद किए थे। इसके अलावा, 35 लाख से अधिक नकद राशि, 734 ग्राम सोना, 125 ग्राम चांदी, बीएमडब्ल्यू, थार, ब्रेजा जैसी लग्जरी गाड़ियां, और जमीन की रजिस्ट्री जैसे दस्तावेज भी जब्त किए गए।
अवैध निर्माण पर निगम का बुल्डोजर, हाई कोर्ट में अर्जी
रायपुर नगर निगम की जांच में पता चला कि भाटागांव में तोमर बंधुओं का आलिशान मकान और उसकी छत पर बना स्वीमिंग पूल अवैध रूप से निर्मित है। निगम ने उनके ऑफिस पर बुल्डोजर चलाकर कार्रवाई की। हालांकि, मकान के मालिकाना हक वाले व्यक्ति ने नगर निगम के आदेश के खिलाफ बिलासपुर हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी। 30 जुलाई 2025 को हाई कोर्ट ने मकान तोड़ने की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी और जब्त दस्तावेज लौटाने का आदेश दिया।
अंडे के ठेले से करोड़ों की हवेली तक का सफर
वीरेंद्र और रोहित तोमर, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, ने 2008 में रायपुर के समता कॉलोनी में अंडे का ठेला लगाकर अपने करियर की शुरुआत की थी। धीरे-धीरे उन्होंने सूदखोरी को धंधा बना लिया और 10-15% की भारी ब्याज दरों पर पैसे देकर लोगों से जबरन वसूली शुरू की। मारपीट, अपहरण और ब्लैकमेलिंग जैसे अपराधों के जरिए उन्होंने भाटागांव में करोड़ों की हवेली, लग्जरी गाड़ियां और अकूत संपत्ति अर्जित की। उनके खिलाफ रायपुर के विभिन्न थानों में हत्या, मारपीट, ब्लैकमेलिंग और रंगदारी जैसे 66 से अधिक मामले दर्ज हैं।