- 06/10/2022
आरोपी पूर्व पति के ऊपर दर्ज FIR कैंसिल करने के लिए कोर्ट ने रखी बर्गर खिलाने की शर्त, जज ने कहा- समय बर्बाद हुआ
अब तक अक्सर आपने देखा और सुना होगा कि अदालतों में आरोपियों को सजा सुनाते या रिहा करते समय रुपए-पैसों का जुर्माना लगाया, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को रेप के आरोप से एक शख्स को छोड़ने के लिए एक अजीब शर्त रखी. कोर्ट ने कहा कि दो अनाथालय के कम से कम 100 बच्चों को मुफ्त बर्गर खिलाने होंगे. फिर क्या था… आरोपी को इससे अच्छा मौका कहां मिलता, उसने तुरंत हां कर दी.
दरअसल, व्यक्ति पर अपनी पूर्व पत्नी के साथ रेप, उसका पीछा करने और धमकी देने का आरोप था. मामले की सुनवाई जस्टिस जसमीत सिंह की अध्यक्षता वाली सिंगल बैंच कर रही थी. इस दौरान आरोपी के शर्त मानने के बाद उसके खिलाफ रेप के मामले में हुई FIR को कोर्ट ने कैंसिल कर दिया.
वहीं न्यायाधीश जसमीत सिंह ने कहा कि महिला के साथ उसकी शादी हई थी और दोनों के बीच मनमुटाव था. इसके चलते दोनों ने अलग होने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि ये वैवाहिक विवाद का मामला है.
कोर्ट में यह मामला 2020 से चल रहा था. जिसके चलते पुलिस और कोर्ट का काफी समय बर्बाद हुआ. ऐसे में समय का उपयोग करते हुए किसी अन्य महत्वपूर्ण केस की सुनवाई हो सकती थी. जज ने इस केस में FIR के सुझाव को बुरी सलाह बताया. वहीं हाईकोर्ट ने आरोपी को दो अनाथालयों के कम से कम 100 बच्चों को बर्गर खिलाने का निर्देश दिया.
इससे भी मजेदार बात यह है कि हाईकोर्ट ने पुलिस को इस बात का ध्यान रखने का निर्देश दिया कि बर्गर अच्छी क्वालिटी का हो और उसे बनाने के दौरान हाइजीन का पूरा ध्यान रखा जाए. बताया जा रहा है कि आरोपी का नोएडा में ‘बर्गर सिंह’ और ‘वाट-ए-बर्गर के नाम से दो बर्गर रेस्तरां हैं. इतना ही नहीं, साथ ही कोर्ट ने पत्नी को 4.50 लाख देने को भी कहा है.
बता दें कि इसी मामले में 4 जुलाई 2022 को साकेत कोर्ट में दोनों पक्षों में सहमति भी बनी थी कि अपनी इच्छा और बिना किसी धमकी या दबाव के समझौता करने को तैयार हैं. महिला ने कहा था कि उसके पूर्व पति के खिलाफ अगर रजिस्टर्ड FIR कैंसिल भी कर दी जाती है, तो उन्हें कोई समस्या नहीं होगी.