• 28/03/2025

साल का पहला सूर्यग्रहण आज, भारत में सूतक काल रहेगा या नहीं, जानें क्या होगा असर?

साल का पहला सूर्यग्रहण आज, भारत में सूतक काल रहेगा या नहीं, जानें क्या होगा असर?

साल 2025 का पहला सूर्यग्रहण कल, यानी 29 मार्च को लगने जा रहा है। यह एक आंशिक सूर्यग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ही ढकेगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण दोपहर 2:20 बजे शुरू होगा और शाम 6:16 बजे समाप्त होगा। इसकी कुल अवधि 3 घंटे 56 मिनट की होगी। हालांकि, यह खगोलीय घटना भारत में दिखाई नहीं देगी, जिसके चलते यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्यग्रहण एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है, जिसे अक्सर नकारात्मक ऊर्जा से जोड़ा जाता है। सूर्यग्रहण के दौरान सूतक काल लागू होता है, जो ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस दौरान शुभ कार्य, पूजा-पाठ और मांगलिक गतिविधियों पर रोक लग जाती है। लेकिन चूंकि यह ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, इसलिए सूतक काल के नियम लागू नहीं होंगे। इसका मतलब है कि भारत में लोग अपनी सामान्य दिनचर्या और धार्मिक गतिविधियां बिना किसी रुकावट के जारी रख सकते हैं।

कहां-कहां दिखेगा?

यह सूर्यग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आर्कटिक महासागर, अटलांटिक महासागर, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। नासा के अनुसार, यह ग्रहण उन क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा, जहां यह दृश्यमान होगा। भारत में यह नजारा न देखे जाने के कारण इसका कोई भौतिक या आध्यात्मिक प्रभाव भी यहां नहीं पड़ेगा।

रखें ये सावधानी

ज्योतिषियों का कहना है कि सूर्यग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतना जरूरी होता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां यह दिखाई देता है। सूर्य को नग्न आंखों से देखने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है। विशेष सूर्यग्रहण चश्मे या सुरक्षित उपकरणों जैसे पिनहोल कैमरा का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

क्या होगा असर?

भारत में ग्रहण का असर नहीं होगा। हिंदू धर्म में सूर्यग्रहण को अशुभ माना जाता है, और इसके दौरान कई नियमों का पालन किया जाता है, जैसे भोजन न करना, सुई-धागे का काम न करना, और गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है। लेकिन इस बार भारत में इन नियमों का पालन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

यह ग्रहण खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्यग्रहण सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी की गति का एक अद्भुत संयोग है, जो हमें ब्रह्मांड की जटिलता को समझने का मौका देता है।

फिलहाल, भारतवासियों के लिए यह सूर्यग्रहण केवल एक खगोलीय जानकारी तक सीमित रहेगा, और इसका कोई धार्मिक या व्यावहारिक प्रभाव यहां नहीं पड़ेगा।