- 04/06/2022
हसदेव अरण्य में जंगल कटाई और कोल खनन का विरोध करने वालों को सीएम भूपेश का जवाब – पहले अपने घर की बिजली बंद करो.. फिर लड़ो
कांंकेर। मध्य भारत के सबसे घने जंगल हसदेव अरण्य और वहां पाए जाने वाले वन्य जीवों के अस्तित्व पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। खतरा इसलिए कि हसदेव के नीचे बड़ी मात्रा में कोयला छिपा है और सरकार ने जंगल काटकर कोयला खनन की अनुमति दे दी है। हसदेव के जंगल की कटाई का विरोध करने वालों को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आड़े हाथों लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग इस मामले में राजनीति कर रहे हैं। कोयला चाहिए तो खदान तो चलानी पड़ेगी। वहां कोयला खदान चल रहा है तो उसका एक्सपांशन करना है। एक्सपांशन करेंगे तो पेड़ कटेगा और पेड़ कितना कटेगा। इस साल केवल 8 हजार पेड़ कटेगा। 39 या 43 हेक्टेयर जमीन है। हल्ला कितने का है कि 8 लाख पेड़ कटेगा। 8 लाख पेड़ का कब गिनती कर लिए।
सीएम ने कहा कि जितने पेड़ कटेंगे उतने यहां लगेंगे भी। उन्होंने कहा कि जो लोग विरोध कर रहे हैं वे पहले अपने घर की बिजली बंद कर दें। AC, कूलर, पंखा, फ्रीज सब बंद करें और फिर मैदान में आकर लड़ें। हम यहां के आदिवासियों के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे।
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दरअसल सीएम भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत 6 जून तक कांकेर जिले में हैं। शनिवार को भानुप्रतापपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में हसदेव पर पूछे गए एक सवाल का वो जवाब दे रहे थे।
हसदेव अरण्य बचाने विदेशों में भी प्रदर्शन
आपको बता दें हसदेव अरण्य, यहां की जैव विविधता, विलुप्त प्राय वन्य जीवों और पर्यावरण की रक्षा के लिए इस क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के साथ ही प्रदेश और देश कई राज्यों के साथ ही विदेशों में भी आंदोलन चल रहा है। सभी आंदोलनकारी हसदेव के कोल ब्लॉक के खनन का विरोध कर रहे हैं।
वन्य जीवों की कई प्रजातियों पर संकट
कोल खनन के लिए जैव विविधताओं से भरे इस जंगल में बताया जाता है कि तकरीबन 10 लाख के आस-पास पेड़ काटे जाएंगे। बताया जा रहा है कि इन पेड़ों के कट जाने से यहां के जंगल के साथ ही कई वन्य जीवों और पेड़ पौधों की प्रजातियां हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी।
यह क्षेत्र हाथियों का प्राकृतिक रहवास है। हाथी यहां विचरण करते हैं। यहां के जंगल कट जाने से हाथी रिहाइशी इलाकों की ओर रुख करेंगे। ऐसे में हाथियों और मानवों के बीच द्वंद बढ़ जाएगा।
अडाणी की कंपनी ने शुरु की कटाई
हसदेव क्षेत्र में राजस्थान सरकार को 4 कोल ब्लॉक आबंटित किया गया है। जिसके खनन का एमडीओ उद्योगपति गौतम अडाणी की कंपनी को दिया गया है। अडाणी की कंपनी कोल खनन के लिए यहां पेड़ों की कटाई शुरु कर दी है।